Haryana News : फतेहाबाद-अग्रोहा-हिसार रूट पर नहीं चलेगी ट्रेन, सर्वे में कम यातायात का हवाला

parmodkumar

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फतेहाबाद जिले में रेल की सीटी घोषणाओं में ही सुनाई देगी। रेल मंत्रालय ने फतेहाबाद मुख्यालय को रेल नेटवर्क से जोड़ने के सर्वे को खारिज कर दिया है। यानि अभी फतेहाबादवासियों को रेल की सीटी सुनने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। सिरसा लोकसभा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने फतेहाबाद-अग्रोहा-हिसार को रेल नेटवर्क से जोड़ने का मुद्दा संसद में उठाया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब दिया कि हिसार और सिरसा पहले ही भारतीय रेल नेटवर्क पर भट्‌टू कलां के रास्ते पूरी तरह जुड़ा हुआ है। फतेहाबाद-अग्रोहा के रास्ते हिसार से सिरसा तक सर्वे कराया गया था, लेकिन सर्वे में कम यातायात अनुमानों के कारण परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। लिहाजा, रेल मंत्रालय ने फतेहाबाद मुख्यालय को रेल नेटवर्क से जोड़ने की परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। दरअसल, कुमारी सैलजा ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से सवाल किया कि फतेहाबाद से हिसार वाया अग्रोहा रेल लाइन को मंजूरी दे दी है, प्रस्तावित रेल लाइन के संबंध में कोई सर्वेक्षण कराया गया है तथा अग्रोहा और फतेहाबाद रेल मार्ग पर पटरी बिछाने का काम शुरू करने का ब्योरा मांगा। रेल मंत्री की ओर से स्पष्ट जवाब दिया गया कि फतेहाबाद और अग्रोहा के रास्ते सिरसा तक के 93 किलोमीटर रूट का सर्वे कराया गया है, जिस पर यातायात कम है, जिसके चलते परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। बता दें कि फतेहाबाद वासियों की लंबे समय से जिला मुख्यालय को रेल नेटवर्क से जोड़ने की मांग है। हालांकि राजनीति घोषणाओं में यहां कई बार रेल की सीटी बज चुकी है। वर्ष 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एमएम कालेज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए फतेहाबाद को रेलवे लाइन से जोड़ने की घोषणा की। इसके बाद पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव व अशोक तंवर ने भी फतेहाबाद को रेलवे लाइन से जोड़ने की घोषणा की, लेकिन अभी तक उनकी घोषणा पूरी नहीं हुई है।

नए रेल नेटवर्क को मंजूरी देने के यह हैं नियम

रेल मंत्रालय की ओर से नए रेल नेटवर्क को मंजूरी देने के लिए मानदंड तय किए गए हैं। जब भी देश के किसी राज्य से जिलों को आपस में रेल नेटवर्क जोड़ने की मांग आती है तो रेल मंत्रालय निर्धारित मानदंडों के आधार पर सर्वे कराता है। रेल परियोजनाओं को लाभ प्रदता के साथ यातायात अनुमानों, अंतिम छोर संपर्कता, मिसिंग लिंक और वैकल्पिक मार्गों को परखा जाता है। यही नहीं संतृप्त लाइनों का संवर्धन और सामाजिक-आर्थिक महत्वों को भी तरजीह दी जाती है। चालू परियोजनाओं के आधार पर प्रतिस्पर्धा की मांग को भी आधार बनाया जाता है।

फतेहाबाद को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए प्रयास रहेंगे जारी : दुग्गल

 

पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान फतेहाबाद को रेल नेटवर्क के साथ जोड़ने की पूरजोर पैरवी की थी। अब भी वे पूरी तरह से प्रयासरत हैं। बतौर सांसद उन्होंने रेल मंत्रालय के साथ न केवल पत्राचार किया बल्कि कई बार रेल मंत्री के समक्ष यह मुद्दा उठाया था।