दीपक का जन्म छारा गांव में 19 मई, 1999 को हुआ। बचपन से ही कुश्ती का शौक रहा है। उनके पिता सुभाष भी स्थानीय स्तर पर पहलवान रहे। दीपक को महज पांच साल की उम्र में अखाड़े में उतारा गया।
छारा गांव निवासी ओलिंपियन पहलवान दीपक पुनिया जल्द ही शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। बहादुरगढ़ में उनकी रिंग सेरेमनी हुई। शिवानी 23 वर्ष की है और फिलहाल पढ़ाई कर रही हैं। उनके पिता अनूप खेतीबाड़ी करते हैं। इसके अलावा दीपक के पिता सुभाष पुनिया के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग का कार्य भी देखते हैं। यह कार्यक्रम पूरी तरह पारिवारिक माहौल में संपन्न हुआ, जिसमें दोनों परिवारों के लोगों ने शिरकत की। फिलहाल शादी की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन दीपक के पिता ने बताया कि जल्द ही दोनों परिवारों की सहमति से विवाह की तारीख घोषित की जाएगी।
दीपक का जन्म छारा गांव में 19 मई, 1999 को हुआ। बचपन से ही कुश्ती का शौक रहा है। उनके पिता सुभाष भी स्थानीय स्तर पर पहलवान रहे। दीपक को महज पांच साल की उम्र में अखाड़े में उतारा गया। इसी दौरान उन्हें गांव में “केतली पहलवान” के नाम से जाना गया। यह नाम उन्हें इसलिए मिला क्योंकि उन्होंने एक बार दूध पीते-पीते पूरी केतली ही खाली कर दी थी। बचपन के दंगल मुकाबलों से लेकर दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम तक दीपक का सफर यादगार रहा।
पारंपरिक मिट्टी के अखाड़े से निकलकर जब उन्होंने मैट पर कदम रखा तो जल्दी ही खुद को अनुकूलित किया और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का नाम रोशन किया। टोक्यो ओलिंपिक 2021 में दीपक कांस्य पदक मुकाबले में मामूली अंतर से हारकर पांचवें स्थान पर रहे। यह हार उनके लिए भावनात्मक रही, क्योंकि कुछ ही महीने पहले उन्होंने अपनी मां को खो दिया था और वे पदक उन्हें समर्पित करना चाहते थे।