प्रदेशभर में पटवारियों की कमी के कारण जलभराव के कारण खराब हुई खरीफ फसलों की गिरदावरी के लिए 10.88 लाख एकड़ क्षेत्र अभी भी लंबित है। सरकार ने प्रत्येक पटवारी को पांच गांव दिए हैं और गिरदावरी की अंतिम तिथि 25 सितंबर निर्धारित की है। गिरदावरी की तिथि आगे नहीं बढ़ी तो किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस संदर्भ में दी रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन ने 10 अक्तूबर तक तिथि बढ़ाने की मांग की है।
खरीफ फसलों की गिरदावरी के लिए सरकार ने पटवारियों को फील्ड कीला नंबर पर जाकर कार्य करने की जिम्मेदारी दी है। कीला की गिरदावरी करने के बाद उसका फोटो पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक है। प्रदेशभर के 6397 गांवों में 1500 स्थायी पटवारी हैं जबकि 2600 ट्रेनी पटवारियों की ड्यूटी तातिमा अपडेट के लिए लगी है। इस वजह से स्थायी पटवारियों को जलभराव वाले क्षेत्रों में ज्यादा समय लग रहा है।