हरियाणा में शहरी निकाय चुनावों का ऐलान, गुरुग्राम-फरीदाबाद समेत 21 नगर पालिकाओं के होंगे चुनाव, जानें कब वोटिंग?

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हरियाणा में शहरी निकाय चुनावों का ऐलान, 2 मार्च को डाले जाएंगे वोट

चंडीगढ़: हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने शहरी स्थानीय निकाय चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है। इस बार 8 नगर निगम, 2 नगर निगम के मेयर उपचुनाव, 4 नगर परिषद और 21 नगर पालिकाओं के चुनाव कराए जाएंगे। चुनाव आयोग के ऐलान के बाद राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं।

कहां-कहां होंगे चुनाव?

राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, इस चुनाव में हरियाणा के प्रमुख नगर निगमों में मतदान होगा। जिन नगर निगमों में चुनाव होंगे, उनमें फरीदाबाद, मानेसर, पानीपत, रोहतक और करनाल शामिल हैं। वहीं, अंबाला और सोनीपत में मेयर पद के उपचुनाव होंगे। इसके अलावा, 21 नगर पालिकाओं के चुनाव भी कराए जाएंगे।

चुनाव कार्यक्रम की प्रमुख तिथियां

  • नामांकन प्रक्रिया: 11 से 17 फरवरी
  • स्क्रूटनी (जांच प्रक्रिया): 18 फरवरी
  • नाम वापसी की अंतिम तिथि: 19 फरवरी
  • मतदान: 2 मार्च (पानीपत नगर निगम के लिए 9 मार्च)
  • मतगणना एवं परिणाम घोषणा: 12 मार्च

राज्य चुनाव आयुक्त का बयान

राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि 11 फरवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी, जो 17 फरवरी तक चलेगी। इसके बाद 2 मार्च को मतदान होगा और 12 मार्च को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे।

महत्वपूर्ण स्थानों पर चुनाव

  • नगर निगम चुनाव: फरीदाबाद, गुरुग्राम, मानेसर, हिसार, करनाल, पानीपत, रोहतक और यमुनानगर
  • मेयर उपचुनाव: सोनीपत और अंबाला
  • नगर परिषद चुनाव: पटौदी, थानेसर, अंबाला और सिरसा

स्थानीय निकाय चुनाव का महत्व

हरियाणा में लंबे समय से स्थानीय निकाय चुनावों का इंतजार किया जा रहा था। इन चुनावों से शहरी क्षेत्रों में स्थानीय शासन की तस्वीर साफ होगी और नवनिर्वाचित पार्षद व मेयर जनता के मुद्दों पर काम करेंगे।

राज्य में नगर निकाय चुनावों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की रणनीति बना रही हैं। आगामी दिनों में प्रचार अभियान भी जोर पकड़ने वाला है।

निष्कर्ष

हरियाणा में शहरी निकाय चुनावों का ऐलान हो चुका है, और राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। मतदाताओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, जब वे अपने स्थानीय प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे। अब सभी की निगाहें 2 मार्च को होने वाली वोटिंग और 12 मार्च को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं।