Haryana weather : हरियाणा में मानसून की हो चुकी विदाई? अब बारिश होगी या नहीं? जानिए मौसम विभाग का ताजा अपडेट

parmodkumar

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फरीदाबाद: सितंबर का महीना शुरू होते ही लोगों को लगा था कि अब मौसम सुहावना बना रहेगा और गर्मी से राहत मिल जाएगी, लेकिन कहते हैं न…बरसात के दिन गए और उमस ने घेर लिया. बिल्कुल ऐसा ही हाल इन दिनों फरीदाबाद समेत पूरे हरियाणा का है. पिछले छह दिनों से एक बूंद पानी आसमान से नहीं बरसी है. बारिश थमते ही पारा चढ़ने लगा है और उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया है. हालांकि 35 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही तेज हवाएं थोड़ी राहत जरूर दे रही हैं.. वरना हालत और खराब हो जाती. मौसम विभाग के मुताबिक ये हवाएं अभी 2-3 दिन और चलेंगी.

अब सवाल उठ रहा है कि क्या मानसून ने विदाई लेना शुरू कर दिया है या फिर बीच-बीच में झमाझम बारिश की उम्मीद बची है. हरियाणा मौसम विज्ञान केंद्र चंडीगढ़ के अनुसार आज पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, भिवानी, चरखी दादरी, रोहतक, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात और पलवल में आसमान पूरी तरह साफ रहेगा. यानी इन जिलों के लोगों को अभी गर्मी और उमस से जूझना पड़ेगा. विभाग का कहना है कि 14 सितंबर तक यही हाल रहने वाला है.

इस बार मानसून ने हरियाणा में जमकर मेहरबानी दिखाई है. प्रदेश में सामान्य से 45 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. आंकड़ों के मुताबिक 10 सितंबर तक औसतन 388.4 एमएम बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन इस बार 564.4 एमएम तक पहुंच चुकी है. सबसे ज्यादा बारिश यमुनानगर में 1080.4 एमएम और महेंद्रगढ़ में 818 एमएम दर्ज की गई, जबकि सिरसा और भिवानी सबसे पीछे रहे. जहां क्रमशः 346.6 और 369.4 एमएम बारिश ही हुई.
इतनी बारिश से जहां एक ओर किसानों की फसल लहलहा उठी वहीं दूसरी ओर बाढ़ और जलभराव ने उनकी कमर भी तोड़ दी. इस सीजन 5,754 गांव प्रभावित हुए हैं और करीब 3 लाख किसान नुकसान झेल चुके हैं. 18 लाख 66 हजार एकड़ फसल पर इसका असर पड़ा है. सरकार ने किसानों की मदद के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला है जहां किसान अपने नुकसान का दावा कर सकते हैं.

हिसार कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ का कहना है कि अब मानसून कमजोर पड़ता नजर आ रहा है. आने वाले चार दिनों तक कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी जरूर हो सकती है, लेकिन तेज बारिश की संभावना बहुत कम है. उन्होंने यह भी बताया कि 2021 के बाद इस सीजन में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. फर्क बस इतना है कि 2021 में सितंबर में बरसात ने जोर दिखाया था, जबकि इस बार जुलाई-अगस्त से ही झमाझम बारिश ने हालात बदल दिए.