हरियाणा की बेटी विनेश फोगाट ने एक बार फिर हरियाणा का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर दिया। राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों की स्वर्ण विजेता विनेश फोगाट ने रोम में चल रही माटियो पैलिकोन रैंकिंग कुश्ती सीरीज में स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है। टोक्यो ओलम्पिक में भारत की सबसे बड़ी पदक उम्मीद विनेश फोगाट ने विश्व में अपने वजन वर्ग में नंबर वन रैंकिंग फिर से हासिल कर ली है। विनेश ने 53 किग्रा भारवर्ग के फाइनल मुकाबले में कनाडा की पहलवान डायना वीकर को 4-0 से हराया। और दूसरा स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने इससे पहले यूक्रेनियन कुश्ती टूर्नामेंट में भी गोल्ड मेडल हासिल किया था। टोक्यो ओलम्पिक का कोटा हासिल कर चुकी विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता विनेश अब तक ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफाई करने वाली एकमात्र भारतीय महिला पहलवान है। विनेश ने प्रतियोगिता में विश्व की नंबर तीन पहलवान के रूप में प्रवेश किया था और 14 अंक हासिल करके नंबर एक बन गयी।विनेश ने टूर्नामेंट में एक भी अंक नहीं गंवाया। उन्होंने तीन में से अपने दो मुकाबलों में प्रतिद्वंद्वी को चित किया। लेकिन विनेश का दुनिया की नंबर एक पहलवान बनने का सफर बिल्कुल आसान नहीं था। बचपन में पिता की हत्या, चोट के चलते रियो ओलिंपिक से बाहर हो जाना ऐसे हालातों के बाद विनेश की मेहनत में कमी नहीं आई। विनेश ने साल 2013 में एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप से अपने कुश्ती के करियर की शुरूआत की थी। रियो ओलिंपिक में चोट के कारण उनका सपना टूट गया, लेकिन ये सब मिलकर भी विनेश के हौंसले को डिगा नहीं पाए। रियो ओलंपिक में चोट के बाद बाहर हुई महिला पहलवान विनेश फोगाट ने एशियाई खेलों में भारत को दूसरा गोल्ड मेडल दिलाया।एशियन गेम्स के इतिहास में ये पहला मौका था जब भारत ने महिला रेसलिंग में गोल्ड मेडल जीता।