हरियाणा के छोरे पर्वतारोही नरेंद कुमार ने नया इतिहास रचा दिया है. नरेंद्र ने दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को पांच दिन में दो बार फतह किया है. माउंट किलिमंजारो 5,895 मीटर (19,341 फीट) है. ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय पर्वतारोही हैं. दक्षिण अफ्रीका के समयानुसार 30 दिसंबर को दोपहर बाद लगभग 2.30 बजे माउंट किलिमंजारों पर लगातार दूसरी बार तिरंगा फहराकर भारत देश का नाम रोशन किया है. नरेंद्र कुमार ने 26 दिसंबर को दोपहर बाद 2.30 बजे से पर्वतारोहण शुरू किया एवं 28 दिसंबर की सायं 6 बजे पहली बार तिरंगा फहराया.
29 दिसंबर को दोपहर बाद 2 बजे वापस किलिमंजारों नेशनल पार्क लौटे. 29 दिसंबर को एक घंटा आराम करने के बाद 3 बजे दोबारा चढ़ाई शुरू कर दी और 30 दिसंबर को दोपहर बाद 2.30 बजे लगातार दूसरी बार माउंट किलिमंजारो पर चढ़ाई करके तिरंगा फहराया.
उनका दावा है कि उनसे पहले आज तक विश्व में किसी पर्वतरोही ने इतनी में कम अवधि में दो बार माउंट किलिमंजारों को फतह नहीं किया. उनका अगला लक्ष्य माउंट एवरेस्ट फतह करने का है। वर्तमान में वे पिछले 8 वर्षों से गुरुग्राम के सेक्टर-15 पार्ट-टू में रहते हैं और उनके पिता सुभाष चंद्रा आबकारी एवं काराधान विभाग में कार्यरत हैं.
नरेंद्र कुमार 21 दिसंबर को दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना हुए थे और 26 दिसंबर को माउंट किलिमंजारो पर लगातार दो बार पर्वतारोहण का लक्ष्य लेकर चढ़ाई शुरू की थी. चढ़ाई करने के लिए नरेंद्र कुमार ने दक्षिण अफ्रीका की एक निजी एजेंसी को हायर किया था, जिसने पर्वतारोहण के गाइड और चढ़ाई के दौरान खाने-पीने सहित मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराईं.
इस यात्रा पर लगभग 3 लाख 60 हजार रुपये खर्च हुए हैं, जिसमें 2 लाख 60 हजार रुपये में एजेंसी की टीम और लगभग 1 लाख रुपये उनके आने-जाने पर खर्च हुए. नरेंद्र कुमार राष्ट्रीय स्तर के जूडो खिलाड़ी हैं. माउंट किलिमंजारों पर लगातार दूसरी बार तिरंगा फहराकर भारत देश का नाम रोशन किया है.














































