हरियाणा के सफाई कर्मचारी 3 दिन की हड़ताल पर, गुरुग्राम हो या फरीदाबाद नहीं उठेगा कूड़ा

lalita soni

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गुरुग्राम में नगर पालिका कर्मचारी संघ के बैनर तले हजारों कर्मचारी दो सप्ताह से पहले ही हड़ताल पर हैं। सफाई और सीवर का काम प्राइवेट एजेंसियों ने देने, जनसंख्या के अनुसार नए पद सीवर और सफाई कर्मचारियों के नए पद सृजित करने के अलावा कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, छंटनी किए गए 3480 कर्मचारियों को वापस लेने जैसे मांगे हैं।

Haryana Sweepers
 हरियाणा के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने मंगलवार से तीन दिन के लिए हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में तीन दिन तक न सफाई होगी और न ही कूड़ा उठाया जाएगा। प्रदेश के 11 हजार सफाई कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। प्रदेश में हजारों की संख्या में आशा वर्कर्स पहले से ही हड़ताल पर चल रही हैं। ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महासचिव विनोद कुमार ने कहा कि पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली के साथ अब तक चार दौर की बातचीत हो चुकी है। मंत्री ने हर बार समाधान का आश्वासन दिया, लेकिन आज तक भी ग्रामीण सफाई कर्मियों की मांगों और समस्याओं का कोई समाधान नहीं हुआ। मजबूरी में सफाई कर्मचारियों को हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। विनोद कुमार ने बताया कि 23 जनवरी को विकास ओर पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अधिकारियों और यूनियन प्रतिनिधियों के बीच हुई बातचीत में सैलरी बढ़ाने, सालाना वेतन में तीन प्रतिशत बढ़ोतरी, मासिक वर्दी धुलाई भत्ता देने और काम के औजार का भत्ता देने की सहमति बन चुकी और पिछली 17 अप्रैल से ये फाइल मुख्यमंत्री के पास मंजूरी के लिए है। इससे जाहिर हो चुका है कि बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं करना चाहती।

क्या हैं मांगें

– विधानसभा मे पॉलिसी बनाकर सफाई कर्मियों को पक्का किया जाए
– सभी ग्रामीण सफाई कर्मियों को बीडीपीओ के पेरोल पर लिया जाए
– हरियाणा रोजगार कौशल निगम को भंग किया जाए
– सफाई कर्मियों के लिए 26000 रुपये मासिक न्यूनतम वेतन लागू किया जाए
– 2000 की बजाए 400 की आबादी पर एक कर्मचारी की स्थायी नियुक्ति करते हुए सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए
– डोर टु डोर कर्मचारियों को सफाई कर्मियों के बराबर वेतन और वर्दी भत्ता दिया जाए
– 500 रुपये मासिक काम के औजारों का भत्ता तय किया जाए
– 500 रुपये मासिक वर्दी धुलाई भत्ता लागू किया जाए