
हांगझोऊ में चल रहे एशियाई खेलों में हरियाणवी खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। हरियाणा के खिलाड़ियों ने 2014 में इंचियोन में 23 पदक जीतने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। अब तक भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 95 पदक जीते हैं, जिनमें 27 पदक हरियाणा के खिलाडियों के नाम है।
टीम और व्यक्तिगत स्पर्धा में अब तक हरियाणा 8 स्वर्ण, 4 रजत और 15 कांस्य पदक जीत चुका है। हांगझोऊ में 13वें दिन शुक्रवार को कुश्ती में हमारे तीन पहलवानों अमन सहरावत, सोनम मलिक और किरण गोदारा ने अलग-अलग भार वर्ग में कांस्य पदक जीता। वहीं अभिषेक ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एक गोल किया और हॉकी में भारत के गोल्ड मेडल जीतने की राह आसान की। इसी तरह संदीप ठकराल ने ब्रिज टीम के साथ रजत पदक जीता है।

ट्रेनिंग कैंप नहीं लगे तो किरण ने लड़कों के साथ किया अभ्यास
हिसार के सेक्टर-15 की पहलवान किरण गोदारा ने मंगोलिया की पहलवान को हराकर एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत लिया है। पदक जीतने पर परिवार में खुशी का माहौल है। कोच विष्णुदास ने बताया कि 76 किलो भारवर्ग में किरण ने मंगोलिया की पहलवान के पांव नहीं जमने दिए।
तैयारी करवाना थी चुनौती… कोच ने कहा कि फेडरेशन के चले विवाद में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने टीम को न तो बाहर और न ही कैंप में भेजा। ऐसे में किरण की तैयारी करवाना चुनौती थी। कोच ने किरण का स्टेमिना व स्पीड बढ़ाने के लिए लड़कों के साथ अभ्यास करवाया और समय भी पौना घंटा बढ़ाया।
पिता से बोलीं- सेमीफाइनल में हार का मलाल …
मैच जीतने के बाद किरण ने पिता कुलदीप से बातचीत की। इस दौरान किरण ने कहा कि पापा सेमीफाइनल में मिली हार का मलाल है, मगर आगे सुधार करूंगी। मां गीता देवी ने किरण को पदक जीतने पर बधाई और आशीर्वाद दिया। साथ ही आगे और भी बेहतर करने को प्रोत्साहित किया।
किरण ने कांस्य जीतकर देश का नाम रोशन किया है। वह आगे इसका रंग स्वर्ण में बदलेगी। मुझे बेटी पर गर्व है। – गीता देवी, किरण की माता
हिसार के सेक्टर-15 की पहलवान किरण गोदारा ने मंगोलिया की पहलवान को हराकर एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत लिया है। पदक जीतने पर परिवार में खुशी का माहौल है। कोच विष्णुदास ने बताया कि 76 किलो भारवर्ग में किरण ने मंगोलिया की पहलवान के पांव नहीं जमने दिए।
तैयारी करवाना थी चुनौती… कोच ने कहा कि फेडरेशन के चले विवाद में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने टीम को न तो बाहर और न ही कैंप में भेजा। ऐसे में किरण की तैयारी करवाना चुनौती थी। कोच ने किरण का स्टेमिना व स्पीड बढ़ाने के लिए लड़कों के साथ अभ्यास करवाया और समय भी पौना घंटा बढ़ाया।
पिता से बोलीं- सेमीफाइनल में हार का मलाल …
मैच जीतने के बाद किरण ने पिता कुलदीप से बातचीत की। इस दौरान किरण ने कहा कि पापा सेमीफाइनल में मिली हार का मलाल है, मगर आगे सुधार करूंगी। मां गीता देवी ने किरण को पदक जीतने पर बधाई और आशीर्वाद दिया। साथ ही आगे और भी बेहतर करने को प्रोत्साहित किया।
किरण ने कांस्य जीतकर देश का नाम रोशन किया है। वह आगे इसका रंग स्वर्ण में बदलेगी। मुझे बेटी पर गर्व है। – गीता देवी, किरण की माता

सोनम ने की वीडियो कॉल से मां से बात
पहलवान सोनम मलिक ने देश के लिए कांस्य पदक जीतने के बाद शुक्रवार शाम को मां मीना मलिक से वीडियो कॉल कर बात की। मीना ने बताया कि देश के लिए पदक जीतने पर बेटी काफी खुश थी। सोनम का गांव में पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सोनम ने कहा कि पहले मुकाबला कठिन रहा, लेकिन उसने देश के लिए पदक जीतने की ठान ली थी, जिसके चलते कांस्य के लिए हुए मुकाबले में पूरे बेहतर प्रदर्शन कर जीत दर्ज की।
पहलवान सोनम मलिक ने देश के लिए कांस्य पदक जीतने के बाद शुक्रवार शाम को मां मीना मलिक से वीडियो कॉल कर बात की। मीना ने बताया कि देश के लिए पदक जीतने पर बेटी काफी खुश थी। सोनम का गांव में पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सोनम ने कहा कि पहले मुकाबला कठिन रहा, लेकिन उसने देश के लिए पदक जीतने की ठान ली थी, जिसके चलते कांस्य के लिए हुए मुकाबले में पूरे बेहतर प्रदर्शन कर जीत दर्ज की।

चुनौतियों से कभी नहीं घबराए अमन सहरावत
कांस्य जीतने वाले झज्जर जिले के गांव बिरोहड़ के पहलवान अमन सहरावत ने माता-पिता को खोने के बाद भी चुनौतियों का डटकर सामना किया। भाई राकेश सहरावत ने बताया कि चीन जाने से पहले अमन ने कहा था कि वह देश के लिए पदक जीतकर लौटेगा। उसने अपना वादा निभाया। अमन वर्तमान में छत्रसाल स्टेडियम दिल्ली में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। वर्तमान में रेलवे में यात्रा टिकट परीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। अमन बेहद साधारण परिवार से हैं। वह गांव से दो किलोमीटर दूर नौगांव की तरफ जाने वाले कच्चे रास्ते पर बनी छोटी सी ढाणी में रहते हैं।
कांस्य जीतने वाले झज्जर जिले के गांव बिरोहड़ के पहलवान अमन सहरावत ने माता-पिता को खोने के बाद भी चुनौतियों का डटकर सामना किया। भाई राकेश सहरावत ने बताया कि चीन जाने से पहले अमन ने कहा था कि वह देश के लिए पदक जीतकर लौटेगा। उसने अपना वादा निभाया। अमन वर्तमान में छत्रसाल स्टेडियम दिल्ली में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। वर्तमान में रेलवे में यात्रा टिकट परीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। अमन बेहद साधारण परिवार से हैं। वह गांव से दो किलोमीटर दूर नौगांव की तरफ जाने वाले कच्चे रास्ते पर बनी छोटी सी ढाणी में रहते हैं।

हॉकी में छा गए सुनपत आले, देश को दिलाया सोना
चीन के हांगझोऊ में चल रहे एशियन गेम्स में हॉकी के फाइनल मुकाबले में भारतीय हॉकी टीम ने जापान को 5-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता है। इसके साथ ही भारतीय दल ने पेरिस ओलंपिक का टिकट भी कटा लिया है। मुकाबले में सोनीपत के अभिषेक नैन ने चौथा गोल किया। गांव कुराड़ के सुमित ने भी बेहतर प्रदर्शन किया।
चीन के हांगझोऊ में चल रहे एशियन गेम्स में हॉकी के फाइनल मुकाबले में भारतीय हॉकी टीम ने जापान को 5-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता है। इसके साथ ही भारतीय दल ने पेरिस ओलंपिक का टिकट भी कटा लिया है। मुकाबले में सोनीपत के अभिषेक नैन ने चौथा गोल किया। गांव कुराड़ के सुमित ने भी बेहतर प्रदर्शन किया।

नीरज ने 15 दिन पहले पिता को स्वर्ण पदक का दिया था भरोसा, एशियाई खेलों में वादा पूरा किया
विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के बाद एशियाई खेलों में नीरज चोपड़ा ने माता-पिता और परिवार ही नहीं, अपने समर्थकों की भी उम्मीदें पूरी कर दी। नीरज ने बुधवार को चीन के हांगझोऊ के एचओएसी स्टेडियम में जेवलिन थ्रो में जैसे ही 88.88 मीटर भाला फेंका, माता-पिता व उनके समर्थक खुशी से झूम उठे। इसी थ्रो के साथ उन्हें स्वर्ण पदक की उम्मीद बंध गई थी।
विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के बाद एशियाई खेलों में नीरज चोपड़ा ने माता-पिता और परिवार ही नहीं, अपने समर्थकों की भी उम्मीदें पूरी कर दी। नीरज ने बुधवार को चीन के हांगझोऊ के एचओएसी स्टेडियम में जेवलिन थ्रो में जैसे ही 88.88 मीटर भाला फेंका, माता-पिता व उनके समर्थक खुशी से झूम उठे। इसी थ्रो के साथ उन्हें स्वर्ण पदक की उम्मीद बंध गई थी।