सुप्रीम कोर्ट में आज एक बार फिर वायु प्रदूषण के मामले में हुई सुनवाई

Parmod Kumar

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सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण के मसले पर सुनवाई हुई है. सुनवाई के दौरान एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया स्कूल फिर से खोलने और निर्माण गतिविधियों पर लगे बैन को हटाने पर कल तक फैसला लिया जाएगा. मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा कि आज की वायु गुणवत्ता बहुत खराब है. इसपर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पहले से इसमें सुधार हुआ है.

सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को प्रदूषण की समस्या से निपटने के स्थायी समाधान के लिए निर्देश दिया कि वह एक विशेषज्ञों का ग्रुप बनाया जाए, जो जनता और विशेषज्ञों से मिले सुझाव पर गौर करें ताकि प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान हो सके. सुप्रीम कोर्ट में मामले की फरवरी के पहले हफ्ते में अगली सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने आयोग द्वारा उठाए गए कदमों पर संतुष्टि जताई है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दूध डेयरी और मेडिकल की फैक्टरी को खोलने की इजाजत दी गई है, जीवन रक्षक यूनिट को मेन्युफेक्चरिंग की इजाजत भी दी गई है.

थर्मल पावर प्लांट बंद रहेंगे

एसजी तुषार मेहता ने आगे कहा कि बिजली मंत्रालय के साथ चर्चा के अनुसार थर्मल पावर प्लांट जो बंद हैं, वह बंद रहेंगे. अस्पलतों के निर्माण की इजाजत दी गई है, बाकी निर्माण कार्यों पर रोक जारी रहेगी. इंडस्ट्री दिन में 8 घंटे चलेंगी और हफ्ते में 5 दिन ही काम करेंगी. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि 40 फ्लाइंग स्क्वायड लगातार मुआयना कर रहा है. सॉलिसिटर जनरल कोर्ट को बताया कि दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण पर दीर्घकालिक हल निकालने के लिए एक विशेषज्ञ समिति काम करेगी.

आम जनता से सुझाव का निर्देश

जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को दीर्घकालिक कदमों के लिए विशेषज्ञों और आम जनता के सुझाव लेने का निर्देश दिया मामले में अगली सुनवाई फरवरी के पहले सप्ताह में होगी. इससे करीब दो हफ्ते पहले भी मामले पर सुनवाई हुई थी. तब कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा का निर्माण कार्य नहीं रोके जाने पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था.