दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई, जानिए सुनवाई से जुड़ी प्रमुख बातें ?

Parmod Kumar

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दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट खासा नाराज है. बुधवार को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने सरकार से कड़े सवाल पूछे. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने हलफनामा दायर कर शीर्ष अदालत को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में जिन पाबंदियों को 21 नवंबर तक लागू किया गया था. उसे बढ़ाकर 26 नवंबर तक कर दिया गया है. ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मियों की संख्या में इजाफा किया गया है. इसके अलावा, धूल को सड़कों से हटाने के लिए डस्टिंग मशीनों की संख्या में भी इजाफा किया गया है. ऐसे में आइए जानते हैं सुनवाई से जुड़ी प्रमुख 10 प्रमुख बातें.

  1. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अगले दिन के हालात की समीक्षा करने करने का निर्देश दिया और कहा कि वह ये देखेगा कि क्या कदम उठाए गए हैं और उनका क्या असर हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले को बंद नहीं कर सकते हैं.
  2. सुनवाई के दौरान बताया गया कि प्रदूषण से निपटने के लिए गाड़ियों के पार्किंग चार्ज को तीन से चार गुना बढ़ाने की सिफारिश की गई है. सरकार ने यात्रियों को लुभाने के लिए DTC और क्लस्टर बसों की संख्या को बढ़ाया दिया है.
  3. शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर गोवर्धन मॉडल अपनाया जाता है, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब से पराली को उन राज्यों में भेजा जा सके जहां गाय के चारे की कमी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या कोई अध्ययन है कि पंजाब, यूपी, हरियाणा से कितना पराली हटाया गया है? उत्सर्जन के कौन से तरीके अपनाए गए हैं?
  4. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि खेतिहर मजदूरों की कमी के कारण किसान मैकेनिकल हार्वेस्टर अपनाते हैं, यह पूरे भारत में एक बड़ी समस्या बन जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को दिहाड़ी मजदूरों को फंड देने को कहा है.
  5. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र को हर साल अलग-अलग मौसमों में औसत वायु प्रदूषण के स्तर को निर्धारित करने के लिए पिछले पांच साल के आंकड़ों के आधार पर एक वैज्ञानिक मॉडल तैयार करना चाहिए.
  6. सुप्रीम कोर्ट ने कहा दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है. हम दुनिया को जो संकेत भेज रहे हैं, उसे देखिए. आप इन गतिविधियों को पहले से रोक सकते हैं, ताकि गंभीर स्थिति भी न बने. हमें परिभाषित करना होगा कि दिल्ली के लिए एक्यूआई का स्वीकार्य स्तर क्या है.
  7. चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा, हम इस मामले का निपटारा कर देंगे लेकिन हम इसे बंद नहीं करेंगे. हम इस पर अंतिम आदेश या निर्देश देंगे. जब तक गंभीरता है, तब तक इस मामले को लगभग रोज सुनना पड़ेगा.
  8. चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए दीर्घकालिक उपाय किए जाने चाहिए. सुनवाई के दौरान बताया गया कि किसानों को वित्तीय मदद नहीं दिया गया. यही वजह है कि पराली जलाने की घटनाओं में इजाफा हुआ और इसका खामियाजा भुगतना पड़ा.
  9. सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 22 नवंबर से विशेष बस सेवाएं चालू की गई हैं. इसके अलावा, 15 साल से पुराने वाहनों को चलने की अनुमति नहीं दी गई है.
  10. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव देते हुए कहा कि जितने दिनों तक प्रदूषण के चलते काम बंद रहा यानी 4 दिनों का मजदूरों को कुछ पैसा मिलना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि राज्यों को मजदूरों को पैसा देना चहिए ताकि वो जीविका को चला सके.