उप्र में कांवड़ यात्रा को मंजूरी देने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फैसला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है। योगी सरकार के इस फैसले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा निकालने की मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उत्तराखंड ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए यात्रा रद्द कर दी है लेकिन उत्तरप्रदेश में कांवड़ यात्रा निकालने की मंजूरी क्यों दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों का अलग-अलग फैसला लोगों को भ्रमित करने वाला है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और शुक्रवार को सुबह 11.30 से दोपहर 12 बजे के बीच सुनवाई होगी और उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा अपना पक्ष रखा जाएगा।
इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान का जिक्र किया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कोरोना महामारी को रोकने के प्रयासों में कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता। पीठ ने कहा कि 25 जुलाई से धार्मिक यात्रा शुरू करने की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के बाद लोग हैरान हैं। हम इस मामले में उप्र सरकार का पक्ष जानना चाहते हैं।
इधर उप्र के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप ने कहा कि आगामी 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरु होगी और इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा। हर साल निकाली जाने वाली कावड़ यात्रा के लिए जिला स्तर पर अधिकारियों द्वारा तैयारी की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सुनवाई के दौरान जो भी दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे उन पर हम विचार करेंगे।