Hidden Dementia Sign: दिमाग की गंभीर बीमारी है डिमेंशिया, पैरों से होती है शुरू, खुद डॉक्टर ने बताया लक्षण

parmodkumar

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डिमेंशिया एक दिमागी स्थिति है, जिसे मेंटल डिजीज भी माना जाता है। इस समस्या में दिमाग की सोचने-समझने, याददाश्त, मूड और बिहेवियर जैसी क्षमताएं घटने लगती हैं। आमतौर पर यह उम्रदराज लोगों में देखी जाती है, लेकिन अब यह थोड़ा कम उम्र में ही देखने को मिलने लगी हैं।

यह बीमारी धीरे-धीरे विकसित होती है और याददाश्त में हल्की कमी से शुरुआत हो सकती है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि डिमेंशिया की शुरुआत आपके पैरों से हो सकती है। न्यूरोसर्जन डॉक्टर अरुण नाइक खुद वीडियो में पूछते हैं, ‘क्या आप जानते हैं कि डिमेंशिया आपके पैरों से शुरू होता है।’ उन्होंने इसकी पहचान जैसे लक्षण, उसके प्रभाव और बचाव के तरीके बताए हैं।

कैसे पहचानें लक्षण?
पैरों में सार्कोपेनिया डिमेंशिया की शुरुआत हो सकती है। इसमें पैरों की मसल्स कमजोर और पतली हो जाती हैं। जो उम्र बढ़ने के साथ होना आम है, लेकिन फिजिकल इनएक्टिविटी की वजह से तेजी से बढ़ती है। इसे वक्त पर पहचानकर दिमाग को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं।

पैरों की कमजोरी से खतरा
डॉक्टर ने बताया कि स्टडी भी बताती हैं कि कमजोर पैरों की वजह से कॉग्निटिव फंक्शन में कमी तेजी से आ सकती है। इसके साथ डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ जाता है। क्योंकि जब आपके पैरों की मसल्स एक्टिव होती हैं तो एक खास केमिकल रिलीज होता है।

ब्रेन डिराइव्ड न्यूरोट्रोफिक फैक्टर
मसल्स के एक्टिव होने से ताकतवर केमिकल पंप होते हैं, जो दिमाग के लिए फायदेमंद होते हैं। इसमें ब्रेन डिराइव्ड न्यूरोट्रोफिक फैक्टर (BDNF) शामिल होता है, जो ब्रेन के ममोरी एरिया में कनेक्शन बढ़ाता है। दिमाग में इस एरिया को हिपोकैम्पस भी कहा जाता है।

चोट लगने का कम खतरा
पैरों की मजबूती आपको चोट लगने से भी बचाता है। क्योंकि इसकी वजह से शरीर का बैलेंस सही रहता है और बुढ़ापे में बैलेंस बिगड़ने के कारण चोट लगने का खतरा कम होता है। डॉक्टर का कहना है कि गिरने से लगने वाली चोट 60 साल से बुजुर्ग लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है।

पैरों से शुरू होता है डिमेंशिया
रोज चलें, क्योंकि केवल 30 मिनट चलने से ही बड़ा अंतर पैदा होता है।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से पैरों को मजबूत बनाएं। इसके लिए स्क्वैट्स, लंजेस और लेग प्रेस कर सकते हैं।
प्रोटीन से भरपूर फूड खाएं, जिससे मसल्स मास बना रहे।
जहां हो सके, हमेशा सीढ़ियों का इस्तेमाल करें। क्योंकि इससे शरीर के बैलेंसिंग ऑर्गन मजबूत होते हैं।​

डॉक्टर कहते हैं कि शुरुआत करने के लिए कभी देर नहीं होती, आप अच्छी आदतों की किसी भी उम्र में शुरुआत कर सकते हैं। 60 की उम्र में भी नई शुरुआत करके डिमेंशिया का खतरा कम कर सकते हैं। मजबूत पैरों की वजह से दिमाग तेज होता है। सार्कोपीनिया का दिमाग पर असर होने का इंतजार ना करें और 40 की उम्र से ही टिप्स फॉलो करने लगें।

डिस्क्लेमर: लेख में दिए गए नुस्खे की जानकारी व दावे पूरी तरह से इंस्टाग्राम पर प्रकाशित रील पर आधारित हैं। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है। किसी भी तरह के नुस्खे को आजमाने से पहले किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।