हाईकोर्ट ने कहा: 62 हजार रुपये महीना वेतन पाने वाली महिला पति से गुजारा भत्ता पाने की पात्र नहीं

Parmod Kumar

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महिला लेक्चरर द्वारा रिटायर मेजर पति से गुजारा भत्ता दिलाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि याची तीन मंजिला आलीशान घर में रहती है और 62 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन लेती है, ऐसे में वह पति से गुजारा भत्ता पाने की पात्र नहीं है। याचिका दाखिल करते हुए यमुनानगर निवासी महिला ने हाईकोर्ट को बताया कि उसका विवाह वेद प्रकाश के साथ 2010 में हुआ था। याची ने बताया कि यह उसका दूसरा विवाह था और पहले विवाह से उसे एक बेटी थी जिसे वेद प्रकाश ने अपनाया था। इसके बाद याची व उसके पति के बीच संबंध खराब हो गए और वह अलग रहने लगे। याची ने कहा कि उसका पति आर्मी और हरियाणा सरकार दोनों से पेंशन लेता है और किराये की आय जोड़ी जाए तो वह प्रतिमाह करीब साढ़े तीन लाख कमाता है। याची ने कहा कि वह अपना व अपनी बेटी का गुजारा करने में असमर्थ है। ऐसे में याची को उसके पति से गुजारा भत्ता के रूप में 75 हजार रुपये प्रतिमाह दिलाया जाए। याची के पति ने बताया कि वह पेंशन के रूप में 45 हजार रुपये पाता है जबकि याची सरकारी कॉलेज में लेक्चरर है और 80 हजार रुपये कमाती है। इसके साथ ही उसने याची को जगाधरी में एक मकान भी दिलाया है। वेद प्रकाश ने कहा कि याची की बेटी बीटेक कर चुकी है और 25 साल की है। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि याची की यह दलील स्वीकार नहीं की जा सकती कि उसका पति उसे भगवान की दया पर छोड़ गया। याची सरकारी कॉलेज में लेक्चरर है और उसने 62 हजार वेतन मिलने की बात स्वीकार की है। वह तीन मंजिल के आलीशान घर में रहती है। इन परिस्थितियों में वह गुजारा भत्ता पाने की हकदार नहीं है। साथ ही याची की बेटी बीटेक कर चुकी है जो प्रोफेशनल कोर्स है। वह 25 साल की है। ऐसे में वह भी गुजारा भत्ता पाने की पात्र नहीं है। हाईकोर्ट ने इसके साथ ही पत्नी द्वारा गुजारा भत्ता के लिए दाखिल याचिका को सिरे से खारिज कर दिया।