Hisar: CRPF के पूर्व जवान राजकुमार के हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए धरने पर बैठे परिजन, शव लेने से इनकार !

parmodkumar

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हिसार डीसी कार्यालय में तैनात ग्रुप डी के कर्मी एवं सीआरपीएफ के पूर्व राजकुमार ने सुसाइड मामले में परिजनों ने लघु सचिवालय के बाहर धरना शुरू किया है। परिजनों व ग्रामीणों ने कहा कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी तब तक शव को नहीं लेंगे। इस मामले में पुलिस अपने दूसरे पुलिस कर्मियों को बचाने की कोशिश कर रही है। राजकुमार ने डीसी कार्यालय की शिकायत पुस्तिका में 8 पेज का सुसाइड नोट लिखा है। जिसमें उन्होंने अपनी मौत के लिए डीएसपी अशोक कुमार, एसएचओ जगदीश सिंह,एसआई ऊषा,एएसआई फूल कुमार, सुनीता, सोनिया, सीमा, लालंचद बिश्नोई , जसबीर सहित अन्य पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। डीएसपी सहित 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है।

मृतक राजकुमार के बेटे पंकज व उसके साले रोशन लाल ने बताया कि मूल रूप से फतेहाबाद जिले के गांव जांडली निवासी राजकुमार पिछले कुछ वर्ष से हिसार के सेक्टर 1-4 में रहते थे। सीआरपीएफ से रिटायर होने के बाद हिसार डीसी आफिस में डी ग्रुप में कार्यरत थे। पुलिस अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर 23 अक्तूबर 2024 को आटीआई चौक के पास जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया।

गंभीर हालत में उनको अग्रोहा मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे, जहां रात बुधवार रात करीब 9 बजे चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप है कि डीएसपी अशोक कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए राजकुमार को बुरी तरीके से प्रताड़ित किया। कई झूठे केसों में फसाया था। डीएसपी अशोक कुमार ने बार-बार प्रताड़ित किया। डीएसपी अशोक कुमार व अन्य पुलिस कर्मियों की वज़ह से राजकुमार ने सुसाइड कर किया है। उन्होंने डीसी ऑफिस की शिकायत पुस्तिका सुसाइड नोट लिखा। उसकी फोटो खींचकर सभी को भेज दिया।

 

हाउसिंग बोर्ड के मकान का विवाद

पकंज ने बताया कहा कि मेरे पिता रिटायर हुए तब सेक्टर 1-4 की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मकान लिया था। उसकी रजिस्ट्री व इंतकाल मेरी मां शकुंतला के नाम थे। तब बूढाखेड़ा के लालचंद ने कहा था यह मकान मेरा है, मैंने 20 लाख रुपए दे रखे हैं। उसने मेरी मां के खिलाफ केस कर रखा है। वह मेरे पिता को बार-बार तंग करता था।

इसके अलावा कैंट एरिया के जसबीर और कैमरी रोड निवासी उसके दोस्त ने पिता से मेरे को पंजाब में डी.एस.पी. लगवाने का झांसा देकर 25 लाख रुपए लिए थे। वे बाद में मुझे कनाडा व इंग्लैंड भेजने के नाम पर और रुपए की डिमांड करने लगे। इन सब बातों की वजह से मेरे पिता मानसिक तौर पर परेशान रहने लगे। उन्होंने दो मकान बेचे दिए और लोन भी लिया। इन सब बातों का जिक्र मेरे पिता ने कंपलेंट बुक में किया है। मेरे पिता ने परेशान होकर आत्महत्या की है। सिविल लाइन पुलिस ने इस संबंध में केस दर्ज किया है।

यह लिखा सुसाइड नोट में…

आदरणीय मम्मी पापा मुझे माफ कर देना।आपने ने मुझे ऐसे संस्कार नहीं दिए थे कि मैं ऐसा कदम उठाऊं। लेकिन मम्मी-पापा मजबूरी हैं। मैं चारों ओर से घिर चुका हूूं। मैंने लड़ने की बहुत कोशिश की लेकिन बोलते हैं कि इंसान तब तक हाथ पैर मारता है जब तक मंजिल तक पहुंच जाए। मैंने जितनी कोशिश की मेरी मंजिल उतनी ही दूर हो गई। इसके लिए मुझे आप अभी से अपने चरणों में ले लेना।

मेरी अर्धांगिनी शंकुतला, प्यारी प्यारी बिटिया मन्नी, सन्नी, गुन्नू व प्यारे बेटे मुझे माफ कर देना। तुम्हारा पति व बेटा-बेटी तुम्हारा पापा इतना कायर नहीं था। दुनिया ने बना दिया तब मैं यह कदम उठा रहा हूं। आगे सुनो यह कदम उठाने का कारण। सोनिया, सीमा, सुनीता व एक और उसका नाम पता नहीं देखो अभी भी इनकी हिम्मत।

जज साहब को बोल रही है कि पांच साल हो गए जज साहब इनको सजा दो। यह लेटर जज साहब को भी दिखा देना। जज साहब इन औरतों को संस्कार नहीं दिए गए। पंकज बेटा मेहनत करना। तीन लाख तुम्हें व टोनी को खुद मिल जाएंगे। पूरे परिवार तेरे बलवंत मौसा और मक्कड़ को दे देना और बाद में इनसे कोई वास्ता मत रखना। मैंने टोनी को 15 लाख का दिया है। इसके बाद भी मेरे पर लोन है। जैसे मेरे को बार-बार फोन करता है मेरे बेटे को मत करना।

मैंने अपने बेटे को बता दिया है वह आपके जितने भी पैसे होंगे। बेटा अपनी मम्मी व बहन को बिल्कुल दुख मत देना नहीं तो मेरी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। हां पंकू बेटे पुलिस वाले कुत्ते ने उन पर केस मेरे झूठे साइन कर रखे हैं वे मिला लेना, ये मेरे साइन हैं। जयबीर कैंट में रहता है और ये उसका दोस्त, उसका दोस्त कैमरी रोड नाके पर उसका घर है। उन दोनों ने मुझे झूठ बोल कर फंसा लिया।