हिसार के गांव खरकड़ी के निवासी टोल कंपनी कर्मी सोनू की मौत में टोल कंपनी की लापरवाही को लेकर मंगलवार को पांच गांवों के लोगों ने टोल पर धरना दिया। टोल कंपनी ने मृतक परिवार को 7 लाख रुपये मुआवजा और परिवार को नौकरी देने की सहमति दी, जिसके बाद ग्रामीणों ने धरना समाप्त किया।
पांच दिन पहले 7 अप्रैल को रामायण टोल पर नौकरी करने वाले सोनू को तेज गति से आ रही एंबुलेंस ने टक्कर मार दी थी। घायल सोनू को हांसी अस्पताल ले जाया गया। जहां से चिकित्सकों ने उसे हिसार रैफर किया। हिसार के निजी अस्पताल में चार दिन भर्ती रहने के बाद 11 अप्रैल को सोनू की मौत हो गई थी। मंगलवार को खरकड़ी और खोखा सहित पांच गांवों के लोगों ने टोल पर धरना दिया, ग्रामीणों ने कहा कि टोल कंपनी ने लापरवाही बरती। यदि घटना के तुरंत बाद घायल को हांसी के बजाय हिसार ले जाया जाता तो खून अधिक नहीं बहता और सोनू की जान बच सकती थी। टोल पर न चिकित्सक है, न कंपाउडर है, न कोई एंबुलेंस है, जिसकी वजह से एक बच्चे को जान से हाथ धोना पड़ा। टोल मालिक के इस नकारात्मक रवैये से गांव के लोगों में रोष है। टोल कंपनी ने मृतक के परिवार को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया। साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने पर सहमति दी। इसके बाद परिवार के लोगों और ग्रामीणों ने धरना समाप्त कर दिया।