हरियाणा के हिसार के गांव बुढ़ाखेड़ा में मंगलवार शाम सीवेज ट्रिटमैंट प्लांट के जहरीली गैस के प्रभाव से हुई 4 कर्मचारियों की मौत के मामले में थाना उकलाना पुलिस ने जींद निवासी ठेकेदार राजेश के खिलाफ केस दर्ज किया है। चारों मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में किया गया। इससे पहले देर रात को ग्रामीण राज्य मंत्री अनूप धानक से बातचीत के बाद शवों को उठाने देने पर राजी हुए थे। सरकार की ओर से मृतकों को 17-17 लाख रुपए मुआवजा ओर परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी देने पर सहमति के बाद ग्रामीण शांत हुए थे। मामले की जांच एडीसी की अध्यक्षता में बनी कमेटी को सौंपी गई है। बता दें कि STP बुढ़ाखेड़ा के टैंक में खराब मोटर निकालने उतरे हसनगढ़ निवासी 30 वर्षीय राहुल, गांव बुढ़ाखेड़ा निवासी 35 वर्षीय सुरेंद्र, गांव बुढ़ाखेड़ा निवासी 35 वर्षीय राजेश, 25 वर्षीय महेंद्र की मौत हो गई थी। ठेकेदार के अंतर्गत काम कर रहे राहुल और सुरेंद्र गहरे टैंक में उतरे थे। दोनों वापस नहीं आए तो राजेश व महेंद्र भी नीचे उतरे थे। चारों जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत के आगोश में समा गए। बीरू राम ने FIR में कहा है कि उसका भतीजा सुरेंद्र गांव बुढ़ाखेड़ा में बने STP प्लांट में करीब 3 साल से ठेकेदार राजेश निवासी जीन्द की देखरेख में कार्य करता था। वह भी अक्सर गांव में ही प्लांट होने के कारण सुरेंद्र के पास जाता रहता था। राहुल निवासी हसनगढ़ वहीं नौकरी करता था। वह देखता था की ये दोनों बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के STP में बनी टैंक में कार्य करते थे। कई बार दोनों से पूछा था की इतने खतरनाक कार्य में सुरक्षा उपकरण क्यों प्रयोग नही करते। जिस पर इन दोनों ने उसको बताया कि कई बार ठेकेदार राजेश को इस बारे कहा था, परन्तु वह ठेकेदार होने का नाजायज फायदा उठाकर और हमारी बेरोजगारी की मजबूरी का फायदा उठाकर हमसे जबरदस्ती बिना सुरक्षा उपकरणों के STP प्लांट में कार्य करवाता है। उनको भली भांति पता है कि बिना सुरक्षा उपकरणों के STP प्लांट में बने टैंक के अन्दर कार्य करना मौत के समान है। फिर भी कार्य करना मजबूरी है। बारू राम ने बताया कि 19 अप्रैल की शाम का 4.30 बजे के करीब सुरेंद्र व राहुल बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के इस STP प्लांट में कार्य कर रहे थे। वह भी मौके पर था। दोनों STP के टैंक में अन्दर मोटर की रिपेअर के कार्य के लिए नीचे उतरे थे। परन्तु काफी समय बाद भी यह दोनों बाहर नही आये। मैंने टैंक के पास जाकर देखा तो ये दोनों बेसुध पड़े थे। बारूराम ने बचाव के लिए शोर मचाया तो राजेश और महेन्द्र टैंक के पास आये। आस-पास और प्लांट में सुरक्षा उपकरणों की तलाश की, परन्तु वहां मौका पर कोई ऐसा सुरक्षा उपकरण नही होने के कारण बिना सुरक्षा उपकरण ही टैंक में नीचे उतर गये थे। ये दोनों भी नीचे जाते ही बेहोश हो गये थे। इसके बाद अहसास हुआ कि टैंक में जहरीली गैस बनी हुई है और नीचे जाना खतरनाक है। इसके बाद किसी और को टैंक के अन्दर नही जाने दिया। बाद में प्रशासन के सहयोग से चारों को टैंक से बाहर निकाला गया। एम्बुलेंस का प्रबन्ध करके अग्रोहा मेडिकल कालेज ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने चारों को मृत घोषित कर दिया। बीरू राम ने पुलिस को बताया कि यह हादसा STP के ठेकेदार राजेश द्वारा मौके पर किसी प्रकार के सुरक्षा उपकरण न रखने और राजेश ठेकेदार को पता होते हुए भी की टैंक में बिना सुरक्षा उपकरणों के जाना मौत के समान है, फिर भी बिना उपकरण के इन से कार्य करवाने के कारण हुआ है।