हम सोते रहे, टीम इंडिया वो कर बैठी जो 88 साल में नहीं हुआ था

Rajni Bishnoi

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इसके बाद आया साल 1974. फिर से टीम इंडिया और इंग्लैंड आमने-सामने थे. टीम इंडिया अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 42 रन पर सिमट गई. फिर आया साल 1996. इंडिया वर्सेज साउथ अफ्रीका, किंग्समीड. साउथ अफ्रीका ने 629 रन बना डाले. जवाब में टीम इंडिया पहली पारी में 100 पर सिमट गई. लगा दूसरी पारी में कुछ करेंगे लेकिन यहां तो और बुरा हो गया. दूसरी पारी में भारत 66 रन पर ही सिमट गया.

इसमें से पहले छह विकेट सिर्फ 25 रन पर ही गिर गए. लेकिन हम ये बातें क्यों कर रहे हैं? क्योंकि ये तमाम स्टैट्स आज शर्मिंदा हैं. टीम इंडिया ने अपने तमाम शर्मनाक रिकॉर्ड्स ध्वस्त कर दिए. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में ये सब हो गया.

ध्वस्त हुआ भारत

पहली पारी में 53 रन की लीड थी. सोचा गया था कि आज भारत पूरा दिन आराम से खेलकर 250 भी बना लेगा तो लीड 300 की हो जाएगी. दो दिन बाकी भी रहेंगे ही. लेकिन टीम इंडिया ने कहा- ठहरो, ऐसा नहीं हो सकता. तभी तो कल के नाइटवाचमैन जसप्रीत बुमराह के आउट होते ही विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हो गया. 15 के टोटल पर बुमराह को कमिंस ने आउट किया.

अगले कुछ ओवर में इसी स्कोर पर चेतेश्वर पुजारा, मयंक अग्रवाल और अजिंक्य रहाणे भी लौट गए. अब टीम इंडिया का स्कोर 15 रन पर पांच विकेट था. कैप्टन विराट कोहली एक एंड पर विकेट गिरते देख रहे थे. हम लोग फिर भी हिम्मत बांधे थे कि चलो, कोहली तो हैं. लेकिन उनकी हिम्मत भी जवाब दे गई.

हालांकि इसका पूरा क्रेडिट डेब्यू कर रहे कैमरन ग्रीन को मिलना चाहिए. उन्होंने बेहतरीन कैच लपक कोहली को आउट किया. कोहली ने आउट होने से ठीक पहले चौका जड़ा था. लेकिन ये चौका भी भारत को शर्मनाक रिकॉर्ड बनाने से नहीं रोक पाया. टीम इंडिया सिर्फ 19 रन पर छह विकेट खो चुकी थी. इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.

इससे पहले भारत ने किंग्समीड में 25 रन पर छह विकेट खोए थे. हालांकि रिकॉर्ड्स का सिलसिला यहीं नहीं रुका. टीम इंडिया का हर गिरता विकेट नए रिकॉर्ड बनाता गया. अंत में टीम 36 रन के टोटल पर ही रुक गई. मोहम्मद शमी हाथ में लगी चोट के चलते बैटिंग जारी नहीं रख पाए. इसके साथ ही टीम इंडिया ने अपना सबसे कम टेस्ट स्कोर भी बना दिया.