HMPV Virus First Case in India: भारत में मिला पहला केस, जानिए कितना डरने की जरूरत। China Virus

0
271

HMPV Virus First Case in India: भारत में मिला पहला केस, जानिए कितना डरने की जरूरत। China Virus

 

 

चीन में ह्यूमन मेट न्यूमो वायरस: भारत में भी बढ़ी चिंताएं

चीन में ह्यूमन मेट न्यूमो वायरस (एचएमपीवी) तेजी से फैल रहा है, जिससे दुनिया भर में चिंता का माहौल है। भारत में भी इस बीमारी को लेकर सतर्कता बढ़ गई है। कोरोना वायरस के कड़वे अनुभवों के बाद एक और बीमारी की दस्तक ने लोगों को परेशान कर दिया है।


भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एचएमपीवी के खतरे को देखते हुए एक उच्च स्तरीय बैठक की है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से रिपोर्ट मांगी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीमारी से अधिक घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अधिकारी डॉ. अतुल गोयल ने बताया कि कुछ सावधानियां बरतने से इस बीमारी से बचा जा सकता है।


चीन में क्या है हालात?

रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन में एचएमपीवी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दिसंबर के तीसरे हफ्ते में सांस संबंधी समस्याओं वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसमें विशेष रूप से 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि, चीन सरकार ने स्थिति को गंभीर मानने से इनकार किया है और देश को यात्रा के लिए सुरक्षित बताया है।


मलेशिया में बढ़े मामले

मलेशिया में भी एचएमपीवी के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024 में एचएमपीवी के मामलों में 2023 की तुलना में 45% वृद्धि हुई है।


विशेषज्ञों की राय

डॉक्टरों का कहना है कि यह बीमारी नई नहीं है और पिछले दो दशकों से देखी जा रही है। इसके लक्षण सर्दी-जुकाम जैसे ही होते हैं और साधारण दवाओं से इसका इलाज संभव है।


सोशल मीडिया पर अफवाहें

सोशल मीडिया पर इस बीमारी को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ और चीनी सरकार ने इन दावों को खारिज किया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओनिंग ने स्पष्ट किया कि सर्दियों में इस तरह की बीमारियां आम हैं और हालात उतने खराब नहीं हैं।


भारत में डरने की जरूरत नहीं

भारत में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने साफ कहा है कि इस बीमारी से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। सतर्कता और सावधानियों के साथ इस बीमारी से बचा जा सकता है। चीन और मलेशिया में बढ़ते मामलों के बावजूद, स्थिति उतनी गंभीर नहीं है जितनी सोशल मीडिया पर बताई जा रही है।


निष्कर्ष

एचएमपीवी को लेकर जागरूकता और सतर्कता जरूरी है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञ स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, जिससे किसी भी चुनौती का सामना किया जा सके।