महिला की शिकायत अनुसार वह 21 फरवरी 2022 को थाना घरौंड़ा, करनाल में लड़ाई- झगड़े के मामले में शिकायत देने गई थी। थाने में उसे होमगार्ड जवान गुलाब निवासी घरौंड़ा मिला। महिला ने उसे बताया कि वह झगड़े की शिकायत व इस झगड़े की रिकॉर्डिंग लेकर आई है। होमगार्ड के जवान ने महिला को कहा कि कमरे में बैठकर मुझे यह रिकॉर्डिंग सुनाना। होमगार्ड उसे थाना के पीछे बने एक कमरे में ले गया। वहां ले जाकर होमगार्ड गुलाब ने जबरन उससे दुष्कर्म किया। जांच में मालूम हुआ कि यह कमरा थाना के मैस में कार्य करने वाले कुक का था।
महिला ने होमगार्ड के जवान गुलाब के खिलाफ थाना घरौंड़ा, करनाल में दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने थाना में लगे कैमरों की सीसीटी फुटेज व कमरे में मिले सबूतों के आधार पर पुलिस ने होमगार्ड के खिलाफ 21 फरवरी 2022 को थाना घरौंड़ा, करनाल में दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया।
खाकी वर्दी पर कैसे करे विश्वास
महिला ने कहा कि थाना में तैनात कर्मी आम जनता की सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं। ऐसे में अगर खाकी वर्दी वाले ही भक्षक बन जाए तो इस वर्दी पर लोगों का कैसे विश्वास कायम रहेगा। महिला ने कहा कि जब से मेरे साथ यह घटना घटित हुई है, तब से मुझे थाना में जाने से भी डर लगता है।
दोषी करार देकर सुनाई 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा
महिला से दुष्कर्म का मामला कोर्ट में 2 वर्ष से विचाराधीन चल रहा था। इस मामले में अभियोजन की तरफ से अमन कौशिक, उप-जिला न्यायवादी व हिना रानी, सहायक जिला न्यायवादी मामले की पैरवी कर रहे थे। अदालत में अभियोजन पक्ष ने सबूतों व गवाहों को मजबूती से पेश किया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. वीके गोयल ने चिन्हित अपराध के मामले में दुष्कर्म के आरोपी गुलाब सिंह को दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा के आदेश पारित किए हैं। वहीं साथ ही दोषी को 20000 रुपए जुर्माना भरने के आदेश भी दिए हैं। जुर्माना न भरने पर दोषी को 3 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
करनाल जिला अदालत के जिला न्यायवादी डॉ. पंकज सैनी ने कहा कि सरकार के आदेशों के मुताबिक चिहिन्त अपराधों में दोषी को कड़ी सजा दिलाने के लिए हमारे पूरे प्रयास रहते हैं। सभी सरकारी अधिकारी ईमानदारी व सच्ची लगन से केस की पैरवी करते हैं। इसके साथ ही सूबतो ओर गवाहों को मजबूती से पेश किया जाता है, ताकि इन अपराधों से जुड़े दोषियों को सजा मिल सकें। उच्च अधिकारियों की गंभीरता भी इन चिहिन्त अपराधों के केसो में बनी रहती है और समय-समय पर इन मामलों में जानकारी लेते रहते हैं। इससे पहले भी ऐसे मामलों में दोषियों को कड़ी सजा मिली है। दोषियों को सजा मिलने से समाज में संदेश जाता है कि अपराधी गतिविधियों में संलिप्त होने से दोषी बच नहीं सकता। इसलिए अदालत ओर सजा का डर अपराध को कम करने में मददगार साबित होता है।