आई फ्लू के शुरुआती लक्षण होने पर आंखों को गुनगुने पानी से साफ करें। साफ और सूती कपड़े का इस्तेमाल करें। तुरंत डाक्टर की सलाह लेकर इलाज शुरू करें। दूसरों के संपर्क में आने से बचें।
मानसून की शुरूआत के साथ ही आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इस बार बच्चों में आई फ्लू तेजी से फैल रहा है। आंखे लाल होना, सूजन और दर्द महसूस होना, आंखों में सफेद रंग का कीचड़ आना, पानी बहना आदि इसके लक्षण हैं। संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। वैसे आई फ्लू ज्यादा गंभीर नहीं होता। आंख को कोई स्थायी नुकसान पहुंचाए बिना एक या दो सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योकि परिवार के एक सदस्य को हुआ रोग बाकी सदस्यों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। कुछ आसान उपायों को अपनाकर हम आई फ्लू से बच सकते हैं। यह कहना है कि शहर की ख्यात चिकित्सक डा. दिव्या भरथरे का, जिन्होंने आई फ्लू से बचाव के लिए कई उपयोगी टिप्स दिए।
डा. भरथरे ने बताया कि आई फ्लू संक्रमण को एपिडेमिक कहा जा सकता है। इसका मतलब यह है कि एक ही समय में एक ही रोग से बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हो जाते हैं। आमतौर पर संक्रमण एक आंख से शुरू होता है और दूसरी आंख में भी फैल जाता है। शुरुआती लक्षण होने पर आंखों को गुनगुने पानी से साफ करें। साफ और सूती कपड़े का इस्तेमाल करें। तुरंत डाक्टर की सलाह लेकर इलाज शुरू करें। यदि रोग के लक्षण हों तो काला चश्मा पहनना शुरू करें। टीवी या मोबाइल देखने से बचें, आंखों को बार-बार छूने से बचें, गंदे कपड़े का इस्तेमाल न करें, आंखों को छूने के बाद साबुन से हाथ धोना न भूलें, आई टू आई कांटेक्ट न बनाएं। अपनी मर्जी से दवा का उपयोग न करें। सावधानी से भी रोग से बचा जा सकता है।