एचएसजीएमसी के बैंक खाते फ्रीज, कर्मियों का वेतन रुका तो अन्य कार्य भी अटके

Parmod Kumar

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सरकारी व निजी खाते फ्रीज होने के चलते कमेटी मुख्यालय से लेकर गुरुघरों व अन्य संस्थानों में कार्यरत कर्मियों में खलबली मच गई। वेतन रुक गया है तो वहीं अन्य कार्य भी अटक गए हैं। बैंक खाते फ्रीज का असर गुरुघरों के लंगर से लेकर शिक्षण व अन्य संस्थानों के संचालन पर पड़ता दिखाई देने लगा है वहीं बुधवार को कमेटी मुख्यालय के ही कर्मचारी भी काम छोड़कर धरने पर उतर आए।

मुख्यालय पर धरना देते हुए कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की। एलान किया कि इस संबंध में प्रदेश सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाया और खाते नहीं खोले तो वे सड़कों पर भी उतरने को मजबूर होंगे।

कर्मचारियों की माने तो उन्हें उस समय पता चला जब बैंकों से लेनदेन किया जाने लगा। कमेटी मुख्यालय में विभिन्न संस्थानों की ओर से सूचनाएं आने लगी तो वहीं उनके वेतन भी जारी न होने पर बैंकों से संपर्क किया गया। यह पता चलने पर वे हैरान रह गए।

धरने पर बैठे कमेटी मुख्यालय के सहायक सुपरवाइजर हरकीरत सिंह, सहायक सचिव रूपिंद्र सिंह, उपसचिव अमरेंद्र सिंह, सहायक सचिव सतपाल सिंह, अकाउंटेंट गुरमिंदर सिंह आदि ने बताया कि बैंक खाते फ्रीज होने से सभी लेनदेन अटक गए हैं। 700 से अधिक कर्मचारी प्रभावित हुए हैं।

मुख्यालय में ही करीब 61 कर्मचारी कार्यरत है तो वहीं 40 से ज्यादा धर्म प्रचार से जुड़े कर्मी भी है। यही नहीं प्रदेशभर में कमेटी के अधीन 52 गुरुघरों के अलावा चार शिक्षण संस्थान भी है। निसिंग व पंजोखरा साहिब में कॉलेज व कैथल और कपालमोचन में स्कूल है। इन संस्थानों का लेनदेन भी अटक गया है।

यही नहीं 31 मार्च को क्लोजिंग के चलते गुरुघरों के लंगर के लिए सामान को लेकर समस्याएं आनी शुरू हो गई है। कढ़ाह प्रसाद के लिए देसी घी समाप्त होने वाला है तो वहीं बिजली बिल के चेक भी क्लीयर न होने के कारण अटक गए हैं, जिन पर जुर्माना भी पड़ना तय है। इसके साथ ही शिक्षण संस्थानों से लेकर गुरुघरों, कमेटी मुख्यालय व अन्य कार्यालयों के वाहनों व जेनरेटर तक के लिए डीजल की समस्या खड़ी हो गई है। दो दिन बाद बैसाखी के आयोजन पर भी असर पड़ेगा।