मैं फंस गई हूं….मस्कट में कदम रखते ही पंजाबी महिला के साथ जो हुआ, वह रोंटगे खड़े कर देगा

parmodkumar

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चंडीगढ़: पंजाब के जालंधर की एक महिला ने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को ठीक करने के ओमान जाने का फैसला किया। महिला अमृतसर-मुंबई होकर ओमान के लिए रवाना हुई लेकिन मस्कट पहुंचते ही महिला को एहसास हो गया कि वह फंस गई है। महिला ने मस्कट में कई महीनों तक बंधक रहने के बाद अब पूरी आपबीती साझा की है। महिला को मस्कट में शारीरिक और मानसिक तौर पर यातनाएं झेलनी पड़ीं। महिला ने लौटने के बाद चौंकानेवाला का खुलासा किया है। महिला के अनुसार उसे वहां जिस बिल्डिंग में रखा गया था। वहां पर कई और भारतीय महिलाएं भी बंद थी।

छोटी-छोटी गलती पर मारपीट
जानकारी के एक अनुसार पंजाब के जालंधर की एक महिला ने इसी साल 15 जून को ओमान जाने के लिए अमृतसर से उड़ान भरी थी। मुंबई होकर जब वह मस्कट पहुंची तो उसे वहां उतरे ही अहसास हो गया कि वह फंस गई है। महिला ने ओमान जाने का फैसला अपने परिवार की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लिया था। महिला का कहना है कि उसे एक कार्यालय जैसी इमारत में रखा गया था जहां 10 से ज्यादा अन्य भारतीय लड़कियों को भी ऐसी ही परिस्थितियों में रखा गया था। महिलाओं को दिन में 12 घंटे तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। छोटी-छोटी गलतियों पर पीटा जाता था। इतना ही नहीं अक्सर खाने से भी वंचित रखा जाता था। महिला ने बताया कि पूरे एक महीने तक मैं सिर्फ पानी पर जिंदा रही।

पासपोर्ट-मोबाइल किया जब्त

महिला के अनुसार उसे चार महीने तक नर्क जैसी जिंदगी जीनी पड़ी। एयरपोर्ट पर पहुंचते ही महिला का पासपोर्ट और मोबाइल फ़ोन जब्त कर लिया गया। महिला का कहना है कि एजेंटों ने सब कुछ छीन लिया। हमारे साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया गया। महिला के अनुसार तस्कर भारतीय महिलाओं को विदेश में अच्छी नौकरी और अच्छी तनख्वाह का वादा करके फुसलाते हैं। जब महिलाएं अपने गंतव्य पर पहुंचती हैं। जब उनके वीजा की अवधि समाप्त हो जाती है, तो हकीकत सामने आती है।

महिला के अनुसार इसके उन्हें अनैतिक गतिविधियों में धकेला जाता है। भारी रकम देने के लिए मजबूर किया जाता है। या फिर उसी नेटवर्क में और महिलाओं को लाने के लिए दबाव डाला जाता है। महिला ने बताया कि मैं भी एक दोस्त के जरिए फंस गई थी जिसने मुझे यकीन दिलाया था कि यह एक अच्छा मौका है। महिला के अनुसार विरोध करने वाली लड़कियों के साथ हिंसा की जाती थी। कई को तब तक पीटा जाता था जब तक वे बेहोश नहीं हो जातीं। वे बेचारी लड़कियों की लाचारी का फायदा उठाते थे।

महिला के अनुसार जब मैं अपनी मां से संपर्क नहीं क पाई तो उन्हें शक हुआ। इसके बाद उन्होंने राज्यसभा सांसद सीचेवाल से संपर्क किया। उन्होंने यह मामला विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया। ओमान स्थित भारतीय दूतावास की मदद से महिला को आखिरकार बचा लिया गया और सुरक्षित भारत वापस लाया गया। सीचेवाल जिन्होंने हाल ही में कई भारतीयों को बचाया है। उनका कहना है कि कई एजेंट लड़कियों को वर्क वीजा की बजाय टूरिस्ट वीजा पर भेजते हैं। एक बार जब वे विदेश पहुंच जाती हैं, तो उनका शोषण होता है और मदद मिलना मुश्किल हो जाता है।