देश की प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं को लेकर युवाओं में जबर्दस्त क्रेज है व छोटे-छोटे शहरों व ग्रामीण आंचल के युवा इस यूपीएससी की सबसे कठिन माने जाने वाली परीक्षा को उत्तीर्ण कर देश सेवा में योगदान दे रहे हैं। सीडीएलयू के विद्यार्थी भी सिविल सेवा में नाम चमकाते हुए देश की उन्नति व प्रगति में अपना योगदान दे सकेंगे। ये बात सीडीएलयू के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग हेतु विश्वविद्यालय में खुले यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर कंपीटिटिव एग्जामिनेशन की शुभारंभ के दौरान आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही।
बता दें कि विद्यार्थी हित में तत्पर सीडीएलयू में विश्वविद्यालय द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सेंटर स्थापित किया गया है, जहां उन विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग दी जाएगी, जो पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। कार्यक्रम में मंच संचालन कर रहे प्रो. राजकुमार ने कहा कि इस सेंटर की स्थापना का विजन कुलपति का था और अब इसका विधिवत रूप से संचालन शुरू कर दिया गया है। इस दौरान कुलपति ने कहा कि सिविल सेवा में बड़े शहरों व विश्वविद्यालयों का वर्चस्व टूटा है। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा में जाने का सपने संजो रहे विद्यार्थी मेहनत करें उनके सपनों को पंख लगाने का कार्य अब विश्वविद्यालय का ये सेंटर करेगा। प्रो. मलिक ने कहा कि सिविल सेवा में राष्ट्रीय स्तर की कड़ी टक्कर होती है और
इसमें सफलता हासिल करने के लिए फोकस होकर छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित करते हुए सोशल मीडिया से दूरी बनाकर पढ़ाई करना जरूरी है। इस मौके पर डीन अकेडमिक प्रो. एसके गहलावत, डीएसडब्ल्यू प्रो. विष्णु भगवान, डीवाईडब्ल्यू डॉ. मंजू नेहरा सहित अन्य स्टाफ सदस्य व सभी विभागों के विद्यार्थी उपस्थित थे।