केंद्र सरकार ने तब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दों पर आगे विचार करने के लिए पूर्व केंद्रीय कृषि सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की थी लेकिन एमएसपी पर कानून नहीं बन पाया है। अगर यह कानून बनता है तो इसका सीधा असर किसानों की फसल खरीदने वालों पर होगा वह तय भाव के नीचे से फसल खरीद नहीं पाएंगे। हालांकि धान व गेहूं की खरीद सरकारी एजेंसियों द्वारा की जाती है लेकिन बाकी फसलों की खरीद निजी कंपनियां के अलावा कुछ हिस्सा सरकार करती है।
दिसंबर 2023 में राज्यसभा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा था कि सरकार ने जुलाई 2022 में एमएसपी समिति का गठन किया है जिसमें किसानों के प्रतिनिधि, केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, कृषि अर्थशास्त्री और वैज्ञानिक आदि शामिल हैं।