मय्यड़ गांव की पैक्स सोसायटी में वीरवार सुबह से ही खाप, किसान संगठनों के पदाधिकारियों के अलावा मय्यड़, भगाना, लाडवा, खरड़-अलीपुर, सरसौंद, घिराय, सुलखनी समेत करीब 22 गांवों के ग्रामीण जुटना शुरू हो गए। दोपहर 12:15 बजे महापंचायत एडवोकेट अजीत सिंह मलिक अध्यक्षता में शुरू हुई। इस दौरान वक्ताओं ने 1:30 बजे प्रशासन को एक घंटे का समय दिया। वक्ताओं ने प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि हांसी में जजपा नेता रविंद्र सैनी हत्याकांड और हिसार में महिंद्रा शोरूम पर हुई फायरिंग करने के आरोपियों को पुलिस विदेश से पकड़ कर ले आई। आनंद हत्याकांड में पुलिस अभी तक सरपंच और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी तक नहीं कर पाई है। आरोप है कि पुलिस संघर्ष कर रहे ग्रामीणों और मृतक के परिजनों को गुमराह कर रही है। सरकार जाति के आधार पर लड़वाना चाहती है।
एक घंटे के समय के बाद धरनास्थल के पास पहुंचे एसडीएम जगदीप सिंह, डीएसपी विजयपाल, सदर थाना प्रभारी सुरेंद्र के साथ कमेटी की बैठक हुई। प्रशासन की तरफ से कहा गया कि उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक से बातचीत कर लें। इस पर कमेटी के सदस्याें ने जाने से इन्कार कर दिया।