जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: संयुक्त किसान मोर्चे की ओर से की जा रही कार्रवाई से अब हरियाणा के किसान नेता बैकफुट पर आते दिखाई दे रहे हैं। गुरनाम चढूनी तो कुछ दिनों पहले मिशन पंजाब को लेकर अपने सुर बदल चुके हैं वहीं अब उन्होंने हरियाणा में भाजपा नेताओं के विरोध को लेकर भी यहां के किसानों को सीमा में रहकर विरोध करने का आह्वान किया है। गुरनाम चढूनी ने बताया कि कुछ जगह से शिकायतें मिली हैं कि कोई नेता अपने घर जा रहा था या कहीं अपने किसी व्यक्तिगत काम से जा रहा था तो किसान उसका घेराव करके अभद्र व्यवहार करने लग जाते हैं। ऐसे में हमारा विरोध एक सीमा में रहकर होना चाहिए।
उसे बेवजह तूल ना दें। विरोध की सीमा अगर किसानों की ओर से लांघी जाएगी तो हमारा आंदोलन टूट जाएगा और उसे नुकसान हो जाएग। ऐसे में गुरनाम चढूनी ने किसानों से विरोध तो करने की बात कही लेकिन यह विरोध एक सीमा में रहकर करने की नसीहत दी। ऐसा विरोध कतई न करने का आह्वान किया गया, जिससे देखने वालों को भी अच्छा न लगे। चढूनी कहते हैं कि किसान भाजपा नेताओं का विरोध जरूर करें। नारेबाजी करें। काले झंडे दिखाएं। मगर ऐसी कार्रवाई न करें कि जिसे देखकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को भी यह कहना पड़े कि हमने तो इस तरह के विरोध का कोई फैसला नहीं किया था। ऐसे में हमें अब कोई भी ऐसी कार्रवाई नहीं करनी है जिससे संयुक्त किसान मोर्चे की नाराजगी झेलनी पड़े।