हरियाणा सरकार ने अंत्यादेय यानी गरीब परिवारों को एक और बड़ी राहत दी है। गरीबों के लिए शुरू की गई ‘दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा’ यानी ‘दयालु’ योजना के नियमों में बदलाव किया है। नियमों को और सरल बनाया है ताकि इन योजनाओं का अधिक से अधिक परिवारों को लाभ मिल सके। प्रदेश में अगर दुर्घटना या अन्य कारणों से गरीब परिवारों के किसी सदस्य की मौत हो जाती है या फिर कोई घायल हो जाता है, तो प्रदेश सरकार 5 लाख रुपये तक की मदद देगी।
इतना ही नहीं, लावारिस कुत्तों के काटने या बेसहारा जानवरों के कारण दिव्यांगता और मौत पर भी पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। प्लानिंग डिपार्टमेंट के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने नियमों में संशोधन के बाद नोटिफिकेशन जारी किया है। अभी तक दयालु योजना के तहत करीब 800 परिवारों को 18 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। योजना के तहत एक लाख 80 हजार रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवार के सदस्य की मृत्यु या 70 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग होने पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
परिवार पहचान-पत्र के आधार पर ही योजना का लाभ मिल सकेगा। हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास ने दीन दयाल योजना-1 के तहत पीड़ित परिवारों को सहायता के लिए आयु वर्ग के अनुसार अलग-अलग राशि निर्धारित की है। छह से 12 वर्ष आयु तक के लिए एक लाख रुपये, 12 से 18 वर्ष तक दो लाख रुपये, 18 से 25 वर्ष तक तीन लाख रुपये, 25 से 45 वर्ष आयु तक के लिए पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। 45 से 60 वर्ष तक तीन लाख रुपये की सहायता राशि का प्रविधान किया गया है।
इस लाभ में 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) या विभिन्न विभागों द्वारा संबंधित वर्ग के लिए चलाई जा रही योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि भी शामिल है। वहीं, दीन दयाल योजना-2 के तहत पीड़ित परिवारों को 12 वर्ष आयु तक के लिए एक लाख रुपये, 12 से 18 वर्ष तक दो लाख रुपये, 18 से 25 वर्ष तक तीन लाख रुपये, 25 से 40 वर्ष आयु तक के लिए पांच लाख और इससे अधिक आयु के लोगों को दो लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।