मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने हरियाणा को जीरो ड्रॉप-आउट राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पीपीपी डाटा में दर्ज 6 से 18 वर्ष आयु के बच्चों को ट्रैक करने का निर्देश दिया है ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।

ड्रॉप आउट बच्चों को स्कूल में लाने के लिए हरियाणा सरकार गांव से एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित स्कूलों के लिए बच्चों को परिवहन सुविधा प्रदान करेगी। इसके लिए प्रत्येक स्कूल में एक शिक्षक को स्कूल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर के रूप में नामित किया जाएगा, जिसका कार्य ऐसे बच्चों के साथ समन्वय स्थापित करना होगा, जिन्हें परिवहन सुविधा की आवश्यकता है। इसी प्रकार, ब्लॉक स्तर पर भी एक स्कूल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (एसटीओ) नामित किया जाएगा, जो ब्लॉक में स्थित स्कूलों के एसटीओ के साथ समन्वय स्थापित कर परिवहन की सुविधा सुनिश्चित करने का कार्य करेगा।
इस संबंध में बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों (डीईईओ) के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने हरियाणा को जीरो ड्रॉप-आउट राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पीपीपी डाटा में दर्ज 6 से 18 वर्ष आयु के बच्चों को ट्रैक करने का निर्देश दिया है ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
तीन हजार प्रवासी बच्चों का बनाया जाएगा आधार कार्ड
मनोहर लाल ने डीईईओ को निर्देश देते हुए कहा कि एमआईएस पोर्टल पर सभी विद्यार्थियों का डाटा निरंतर अपडेट करें। डीईईओ ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रवासी परिवारों के लगभग तीन हजार बच्चे ऐसे हैं, जिनका आधार कार्ड नहीं बना है। इस कारण उनका डाटा एमआईएस पर अपडेट नहीं किया जा सकता।













































