ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि क्या अभी सोने में निवेश करने का सही समय है? सोने में किन-किन तरीकों से निवेश किया जा सकता है? निवेश का कौनसा तरीका सबसे अच्छा है? यहां हम इन्ही सवालों का जवाब दे रहे हैं…
सबसे पहले बात सोने में निवेश के तरीकों की…
1. फिजिकल गोल्ड में कर सकते हैं निवेश
फिजिकल गोल्ड में निवेश यानी ज्वेलरी या सोने के बिस्किट-सिक्के खरीदना। एक्सपर्ट्स ज्वेलरी खरीदने को सोने में निवेश करने का सही तरीका नहीं मानते हैं, क्योंकि इस पर मेकिंग चार्ज देना पड़ता है। इसीलिए इसमें ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं। वहीं ज्वेलरी कभी भी 24 कैरेट सोने से नहीं बनती। इसलिए निवेश के लिहाज से बिस्किट या सिक्के खरीदना सबसे अच्छा हैं।
2. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भी अच्छा ऑप्शन
सोने में निवेश का दूसरा ऑप्शन है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड। ये एक सरकारी बॉन्ड होता है, जिसे सरकार समय-समय पर जारी करती है। यदि बॉन्ड 1 ग्राम सोने का है, तो 1 ग्राम सोने की जितनी कीमत होगी, उतनी ही बॉन्ड की कीमत होगी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इश्यू प्राइस पर हर साल 2.50% का निश्चित ब्याज भी मिलता है। इसमें निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी होता है।
3. गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (गोल्ड ETF)
सोने में निवेश का तीसरा ऑप्शन गोल्ड ETF है। यानी शेयरों की तरह सोने को खरीदने की सुविधा। ये एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड हैं, जिन्हें स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जाता है। चूंकि गोल्ड ETF का बेंचमार्क स्पॉट गोल्ड की कीमतें हैं, आप इसे सोने की वास्तविक कीमत के करीब खरीद सकते हैं। गोल्ड ETF खरीदने के लिए आपके पास एक ट्रेडिंग डीमैट अकाउंट होना चाहिए।इसमें निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी: गोल्ड ETF खरीदने के लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसमें NSE या BSE पर उपलब्ध गोल्ड ETF के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी।
4. पेमेंट ऐप से भी सोने में निवेश
आप अपने स्मार्टफोन से डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। आप अपनी सुविधानुसार जितनी कीमत का चाहें, सोना खरीद सकते हैं। यहां तक कि 1 रुपए का भी। यह सुविधा अमेजन-पे, गूगल पे, पेटीएम, फोनपे और मोबिक्विक जैसे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।
डिजिटल गोल्ड खरीदने के कई फायदे हैं। इसके जरिए आप शुद्ध सोने में निवेश करते हैं। ज्वेलरी मेकिंग का खर्च नहीं आता है। इसे फिजिकल गोल्ड की तरह सुरक्षित रखने के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है। डिजिटल गोल्ड को आप फिजकल गोल्ड में भी बदलवा सकते हैं।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन्वेस्टर्स को अपने एसेट एलोकेशन के अनुसार सोने में निवेश करते रहना चाहिए। कुल पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी 10-15% होनी चाहिए। यहां तक कि आरबीआई के पास 785.35 मीट्रिक टन सोना है, जो सितंबर 2022 तक उसके फॉरेक्स पोर्टफोलियो का 7.07% था।
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक, सोने में 2020 से शुरू सुपर साइकिल अब भी जारी है। इस साल सोना 62,000 तक पहुंचने का अनुमान था, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में ये 64,000 तक पहुंच सकता है।IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता कहते हैं कि शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के कारण सोने को सपोर्ट मिल रहा है। इसके चलते इस साल के आखिर तक सोना 65 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
भारत में सोने की डिमांड कैसी है?वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सोने की 50% डिमांड मिडिल क्लास से आती है। विशाल आबादी वाले इस देश में सोने की ज्वेलरी, सबसे ज्यादा खरीदी जाती है। दशकों तक, भारत सोने का सबसे बड़ा कंज्यूमर रहा था। 2009 में चीन इस मामले में भारत से आगे निकला था। 2021 में, भारत ने 611 टन सोने की ज्वेलरी खरीदी गई। चीन 673 टन सोने की ज्वेलरी के साथ पहले नंबर पर रहा।
5 साल में दोगुने से ज्यादा हुई सोने की कीमत
बीते 5 सालों में सोने ने 100% से ज्यादा का रिटर्न दिया है। अप्रैल 2018 में सोना 30,000 रुपए के करीब था, जो अब करीब 61 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। यानी सोने में हर साल 20% से ज्यादा का रिटर्न मिला है। ये FD और बॉन्ड की तुलना में काफी ज्यादा है।
शेयर बाजार की तुलना में ज्यादा रिटर्न
सोने का रिटर्न शेयर बाजार की तुलना में भी ज्यादा है। 5 साल पहले यानी अप्रैल 2018 में सेंसेक्स 34,000 के करीब था और अभी 60,000 के करीब है। यानी सेंसेक्स ने करीब 77% का रिटर्न दिया है। हर साल 15.4% का रिटर्न जो सोने से कम है।