जिले के राजकीय विद्यालयों में दाखिलों के लिए विद्यार्थियों से स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) की हार्ड कॉपी जरूरी नहीं है। सभी स्कूलों के मुखियाओं को ऑनलाइन जारी हुए एसएलसी के आधार पर ही छात्राओं को दाखिला देना होगा। इसके अलावा बंद हुए गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के बच्चों को भी अनिवार्य रुप से दाखिला देना पड़ेगा। बता दें कि विभाग की ओर से स्कूलों को पत्र जारी कर सख्त निर्देश दिए गए है कि कोई भी विद्यालय विद्यार्थियों को बेवजह तंग न कर ज्यादा से ज्यादा दाखिले करें।
विदित रहे कि इस वर्ष शिक्षा विभाग की ओर से विद्यार्थियों की एसएलसी ऑनलाइन जारी की गई है। इसके बावजूद भी कई स्कूलों द्वारा हार्ड कॉपी मांगे जाने की शिकायत विभाग के उच्चाधिकारियों को अभिभावकों द्वारा मिल रही थी। जिसके चलते अभिभावकों व विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं विभाग की ओर से निर्देश दिए गए है कि किसी भी विद्यार्थी का दाखिला दस्तावेज के अभाव में न रोका जाए। ऐसे विद्यार्थियों के दाखिले मेनुअल कर सकते हैं।
इस सत्र में शिक्षा विभाग की ओर से जिन क्षेत्रों में ड्रॉप आउट विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में उन क्षेत्रों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए है। ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, डाइट, जिला विज्ञान विशेषज्ञ, जिला गणित विशेषज्ञ, जिला एफएलएन कोऑर्डिनेटर को बतौर नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। इन नोडल अधिकारियों को दैनिक प्रगति अवलोकन करना अनिवार्य होगा।
जिले में अब राजकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी या फिर कमरों की कमी के कारण दाखिले न करने का बहाना नहीं चलेगा। शिक्षा विभाग की ओर से सख्त निर्देश जारी किए गए है कि जिन स्कूलों में एक शिक्षक एक कक्षा की व्यवस्था नहीं बनती है तो वहां पर शि फ्टों में में स्कूल का संचालन किया जाएगा। यानी कि जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है और शिक्षकों की संख्या कम है या फिर विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है लेकिन कक्षाओं की संख्या कम है तो ऐसे में स्कूल प्राचार्य सुबह व शाम की शिफ्ट में विद्यार्थियों की कक्षाएं लगाएं। किसी प्रकार का बहाना बनाकर विद्यार्थियों के नामांकन नहीं रोके जाएंगे।