रिजर्व बैंक की तरफ से जारी नए नियम के मुताबिक, 1 अक्टूबर 2021 से ऑटो डेबिट को लेकर नियम में बदलाव होने जा रहा है. नए नियम के तहत ऑटो बिलर होने के बावजूद बैंक आपको पहले संदेश भेजेगा और ग्राहक की सहमति के बाद ही उस ट्रांजैक्शन को पूरा किया जाएगा. आसान शब्दों में कहें तो ऑटो डेबिट से पहले SMS भेजकर आपसे मंजूरी ली जाएगी. नए नियम को लेकर HDFC बैंक ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है.
HDFC की तरफ से ऑटो पे को लेकर जारी अधिसूचना के मुताबिक, बैंक e-Mandate प्रोसेसिंग या ऑटो डेबिट प्रोसेसिंग को लेकर किसी भी तरह के निर्देश को तब तक स्वीकार नहीं करेगा, जब तक वह रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुरूप नहीं होंगे. अगर आपने बैंक के मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग की मदद से क्रेडिट या डेबिट कार्ड से बिलर को लिंक किया है तो वह काम नहीं करेगा.
अभी कॉमन प्लैटफॉर्म पूरी तरह अपडेटेड नहीं
ई-मैंडेट को लेकर कॉमन प्लैटफॉर्म तैयार किया गया है. HDFC बैंक ने कहा कि उसने नए नियमन के तहत इंटर्नल डेवलपमेंट को अपग्रेड कर लिया है. जब तक यह सुविधा लाइव नहीं हो जाती है तब तक बैंक अपने ग्राहकों को कुछ सुविधा उपलब्ध करवा रहा है.
अभी लिमिटेड मर्चेंट के लिए यह सुविधा शुरू
किसी तरह का पेमेंट सीधा HDFC बैंक के डेबिट और क्रेडिट कार्ड से किया जा सकता है. नेट बैंकिंग की मदद से फोन बिल, इलेक्ट्रिसिटी बिल, गैस बिल, मोबाइल बिल, डीटीएच बिल, एलपीजी बिल को बिलर में ऐड किया जा सकता है. वर्तमान में नेटफ्लिक्स और एमेजॉन प्राइम को मर्चेंट के तौर पर प्लैटफॉर्म से जोड़ लिया गया है. इन दोनों के लिए ऑटो पेमेंट की सुविधा शुरू हो चुकी है. इसके अलावा वीजा कार्ड पर ऑटो डेबिट की सुविधा उपलब्ध है. फिलहाल ऑटो पे की सुविधा मास्टर कार्ड, डायनर्स कार्ड, रूपे कार्ड पर उपलब्ध नहीं है. बहुत जल्द इन कार्ड्स पर भी ऑटो पे की सुविधा शुरू की जाएगी.
कस्टमर से हर बार लेनी होगी परमिशन
रिजर्व बैंक ने ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस नियम को लागू किया है. पहले इस नियम को 1 अप्रैल 2021 से ही लागू किया जाना था. बाद में रिजर्व बैंक इस छह महीने के लिए बढ़ा दिया था. नए नियम के लागू होने के बाद बिलर में जिस दिन ऑटो डेबिट होना होगा उससे पहले कस्टमर को मैसेज भेजा जाएगा. जब वह इसे कंफर्म करेगा, तभी उस ट्रांजैक्शन को पूरा किया जा सकता है.