सिंचाई विभाग ने अटल भूजल योजना के तहत भूमिगत जलस्तर बढ़ाने के लिए एक और कदम उठाया है। इसके तहत अब एक से दो किमी की दूरी में जिस भी गांव से नहरें गुजरती हैं, उन गांवों के जोहड़ों को नहरों से जोड़ा जाएगा। नहर से जोहड़ तक अलग पाइपलाइन बिछाई जाएगी ताकि नहरी पानी से जोहड़ों को भरा जा सके और इससे आसपास का जलस्तर सुधर सके।
इसके लिए 12 ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव आ चुके हैं। तीन गांवों के जोहड़ों को नहरों से जोड़ दिया गया है। नौ गांवों के लिए काम शुरू होने वाला है। इनके लिए पाइपलाइन के टेंडर हो चुके हैं। विभाग 12 गांवों के लिए पाइपलाइन बिछाने पर करीब सवा करोड़ रुपये खर्च करेगा।
जिले के कुल 167 गांवों में से करीब 70 गांवों में भूमिगत जलस्तर काफी नीचे है जो चिंता का विषय बना है। जिले के बाढड़ा खंड में तो कई गांवों में 85.95 मीटर नीचे पानी है। ऐसे मेंं इस क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल के लिए भी चुनौती है। जलस्तर सुधार के लिए विभाग की ओर से भी कई नीतियां बनाई जा रहीं हैं। गांवों में जल संकेतक बोर्ड और पीजोमीटर भी लगे हैं। सोख्ता गड्ढों का निर्माण भी किया गया है। किसानों को भी बारिश के पानी के संचयन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सरकारी भवनों में भी जल संचय की योजना बनाई जा रही है।
विभाग ने गांव काकड़ोली हुक्मी, डोहका हरिया और लाडावास गांवों में जोहड़ों को नहरों से जोड़ दिया है। डोहका दीना, मांढ़ी केहर, उमरवास, जीतपुरा, पोकरवास, हड़ोदा कलां, हड़ोदी, मांढ़ी केहर, डाेहका मौजी, हड़ोदी, काकड़ोली सरदारा सहित 12 गांवों के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इनमें से कुछ गांवों के लिए टेंडर हो चुके हैं जबकि कुछ गांवों के अभी ग्राम पंचायत की ओर से प्रस्ताव मिले हैं। अन्य पंचायतें भी विभाग को प्रस्ताव पारित कर भेज सकती हैं। प्रत्येक गांव के पाइपलाइन पर करीब 10 से 15 लाख रुपये तक का बजट खर्च होना है।
पहले चरण में नहरों से दो किमी की दूरी वाले गांवों के जोहड़ों को नहरों से जोड़ा जाएगा। नहर से जोहड़ तक अलग से पाइपलाइन बिछाई जाएगी ताकि नहरी पानी से जोहड़ों को भरा जा सके और इससे आसपास का जलस्तर सुधर सके। इसके लिए 12 ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव आ चुके हैं। तीन गांवों के जोहड़ों को नहरों से जोड़ दिया गया है। नौ गांवों के लिए काम शुरू होने वाला है। – खुर्शीद अहमद, सूचना संचार एवं भूजल विशेषज्ञ।












































