ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर भाजपा के गोबिंद कांडा, इनेलो के अभय चौटाला और कांग्रेस के पवन बैनीवाल के बीच मुकाबला

Parmod Kumar

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हरियाणा की ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव (Ellenabad bypoll) को लेकर प्रचार का दौर थम गया है. इस बीच सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी जीत का दावा ठोकते दिखाई पड़ रहे हैं. हालांकि ऐलानबाद में मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है. दरसअल, भारतीय जनता पार्टी ने यहां से गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा (Gobind Kanda), तो इनेलो से अभय सिंह चौटाला (Abhay Singh Chautala) और कांग्रेस ने पवन बैनीवाल (Pawan Beniwal) को मैदान में उतारा है.

ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर 30 अक्‍टूबर को मतदान होगा और परिणाम 2 नवंबर को आएगा. जबकि 1.86 लाख मतदाता वाली इस सीट के तहत 74 गांव आते हैं. इनमें 10 गांवों में जिसने पकड़ मजबूत बनाई, जीत की संभावना उसकी ज्यादा बनेगी. दरअसल इन 10 गांवों में ही 50 हजार से ज्यादा मतदाता हैं, जो हार-जीत में बड़ा अंतर पैदा करते हैं

यही नहीं, पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान दूसरे नंबर पर रहे प्रत्‍याशी को 50 हजार से कम वोट मिले थे. जबकि विधानसभा सीट के इन सबसे बड़े 10 गांवों में ज्यादातर पर मुकाबला इनेलो और भाजपा के बीच रहा था. इस दौरान कुछ जगह भाजपा ने बाजी मारी थी, तो कुछ जगह इनेलो का डंका बजा था. वहीं, कांग्रेस को एक गांव में बढ़त मिली थी. इसके अलावा वह दो गांव में दूसरे नंबर पर रही थी.

ऐलनाबाद विधानसभा सीट के जमाल गांव में 6952, माधोसिंघना में 6331, तलवाड़ा खुर्द में 5210, मल्लेकां में 5107, नाथूसरी कलां में 4403, चाहरवाला में 4368, पोहड़का में 4042, भूरटवाला में 3544, दड़बा में 3519 और ढूकड़ा 3413 में मतदाता हैं. यही वजह है कि इन गांवों में जिस पार्टी को ज्‍यादा वोट मिलते हैं, उसकी जीत काफी हद तक पक्‍की हो जाती है.

अनिल विज ने किया ये दावा
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर भाजपा का कमल खिलने का दावा किया है. इतना ही नहीं उन्‍होंने उपचुनावों को लेकर इनेलो दावेदार अभय चौटाला को भी निशाने पर लिया है. अनिल विज ने दावा किया है कि ऐलनाबाद में शर्तिया तौर पर भाजपा चुनाव जीतेगी और वहां जो अन्य पार्टियां खुद को किसान हितैषी बता रही हैं उन्होंने अपने-अपने समय में किसानों पर गोलियां तक चलवाई हैं. जबकि भाजपा 11 महीने से किसानों के आंदोलन के साथ संयम से निपट रही है. अगर कांग्रेस या इनेलो की सरकार होती तो अब तक कई बार गोली चल चुकी होती. वहीं, अभय चौटाला एक बार फिर जीत का दावा किया है.