अंतरराष्ट्रीय बागवानी बाजार की स्थापना के लिए हरियाणा में नाबार्ड 1600 करोड़ रुपये की मदद दे रहा।

Parmod Kumar

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कोरोना महामारी के बावजूद हरियाणा सरकार ने नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) से वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में 44 प्रतिशत अधिक आर्थिक मदद ली है. सोनीपत में अंतरराष्ट्रीय बागवानी बाजार स्थापना के लिए नाबार्ड 1600 करोड़ रुपये की मदद दे रहा है. इस बात की जानकारी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नाबार्ड के चैयरमैन डॉ. जीआर चिंतला के साथ नाबार्ड द्वारा पोषित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में कही.

सीएम ने बताया कि वर्ष 2014-15 में 468 करोड़ रुपये के मुकाबले वर्ष 2020-21 में कोविड (Covid-19) के बावजूद नाबार्ड से 1030 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली. उन्होंने नाबार्ड से प्रदेश के किसानों तथा सहकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण शुरू करने का आग्रह किया. इसके अलावा, उन्होंने प्रदेश में नाबार्ड द्वारा पोषित विभिन्न परियोजनाओं के लिए तय समय सीमा में वृद्धि करने का भी अनुरोध किया. बैठक में शिक्षा मंत्री कंवरपाल, बिजली मंत्री रणजीत चौटाला, सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल एवं कृषि मंत्री जेपी दलाल भी मौजूद रहे.

कितनी परियोजनाओं पर चल रहा काम

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में नाबार्ड द्वारा ग्रामीण आधारभूत संरचना फंड के तहत 1996 से लेकर अब तक 6668 परियोजनाएं अनुमोदित की गई हैं. जिन पर लगभग 11,151 करोड़ के लोन अनुमोदित किए गए हैं. इसमें से 3451 को पूरा कर लिया गया है. जबकि 1857 पर कार्य चल रहा है. वर्ष 2020-21 कोरोना काल के दौरान भी 1130 करोड़ की परियोजनाएं अनुमोदित की गई हैं. जबकि चालू वित वर्ष में सरकार ने 1565 करोड़ रुपये की 6 परियोजनाएं पास करने के लिए भेजी हैं. जिनमें से 737 करोड़ रुपये की ऋण राशि वाली तीन स्वीकृत की गई हैं, जबकि शेष तीन नाबार्ड के पास विचाराधीन हैं.

बागवानी बाजार की स्थापना के लिए 1600 करोड़ रुपये की मदद

वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने सूक्ष्म सिंचाई (micro irrigation), भंडारण, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी प्रसंस्करण और मत्स्य के बुनियादी ढांचा फंड के बारे में प्रस्तुति दी. अंतरराष्ट्रीय बागवानी बाजार, गन्नौर सोनीपत की स्थापना के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि इस मंडी को 545 एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा है, जिसके लिए नाबार्ड 1600 करोड़ रुपये की मदद दे रहा है.

हरियाणा को क्यों मिलता है ज्यादा लाभ?

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नजदीक होने के कारण केंद्र की योजनाओं का लाभ लेने और हर क्षेत्र में तरक्की की ओर अग्रसर है. इसे पहले केवल कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जाता था, लेकिन आज यह देश की सबसे अग्रणी औद्योगिक और सेवा क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है. राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में पिछले 10 वर्षों में देश में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है. इसे लगातार देश के शीर्ष तीन सबसे तेजी से बढ़ने वाले राज्यों में स्थान मिला है.