हरियाणा में बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, मेहनत पर फिरा पानी।

Parmod Kumar

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हरियाणा के कई जिलों में बीती देर शाम हुई बारिश के चलते लोगों को गर्मी से राहत तो जरूर मिली, लेकिन साथ ही ये बारिश उनके लिए मुसीबत भी लेकर आई. बारिश से पूर्व बारिश नगर परिषद द्वारा नालों की सफाई नहीं करने के चलते कई जिलों में हालात बिगड़े हुए है. बाजारों से लेकर कॉलोनियों तक पानी से लबालब हैं. हालांकि प्रशासन द्वारा कई स्थानों पर मोटरें भी लगाई हैं बावजूद इसके जलभराव से कोई निजात नहीं मिली है.

वहीं किसानों की खून पसीने की मेहनत हरियाणा की अनाज मंडियों में खुले आसमान के नीचे बारिश में भीग रही है . लेकिन ना तो सरकार का इस और कोई ध्यान है और ना ही प्रशासनिक अधिकारीयों का, जिसकी वजह से किसानों को भारी नुक्सान झेलना पड़ रहा है. खेतों में धान की फसल पूरी तरह से पक कर तैयार है. इसीलिए किसान अपने धान की फसल मंडियों में लेकर पहुंचना शुरू हो गए है, लेकिन अभी तक हरियाणा में धान की खरीद शुरू नहीं हुई है.अंबाला में बुधवार सुबह से बारिश हुई, जिसकी वजह से अनाज मंडियों में पड़ी किसानों की धान की फसल बारिश में भीग गई.

प्रदेश के भिवानी जिले में तीन घंटे हुई बारिश ने पूरे शहर को पानी-पानी कर दिया. बुधवार को हुई बारिश इस साल की सबसे तेज बारिश थी, जो शहर में आफ़त बन गई. कल हुई 120 एमएम बारिश में सड़कें तालाब बन गई, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों तक के घरों में पानी घुस गया. लोगों ने कहा कि ये प्रशासन की विफलता है.

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बारिश के बाद तालाबों में तब्दील हुई सड़कों पर दुपहिया वाहन चालक गिरते उठते सफ़र कर रहे थे. काफी वाहन बीच सड़क ख़राब हो गए. चारों तरफ़ अफ़रा तफरी जैसा माहौल था. हर कोई जैसे तैसे अपने घर या कार्यालय पहुंचना चाहता था. लेकिन बारिश व सड़कों पर जमा पानी जैसे उसे वहीं रोक रहा था.

परेशान लोगों ने बताया कि ये प्रशासन की लापरवाही है जो पानी निकासी के कभी भी प्रबंध नहीं करता. लोगों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों तक के घरों में पानी भरना अपने आप में बताता है कि आम आदमी के घरों व हालातों की किसी को चिंता नहीं है.