हरियाणा के युवाओं को अब निजी क्षेत्र की नौकरियों में भी 75 फीसदी का आरक्षण मिलेगा. इसको लेकर हरियाणा सरकार द्वारा पारित विधेयक को हाल ही में राज्यपाल ने मंजूरी भी दे दी है. उसके बाद गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दी गई है. भाजपा की सरकार में सहयोगी जननायक जनता पार्टी का एक प्रमुख चुनावी वादा था और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला लगातार सरकार से अपने इस वायदे को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रयास कर रहे थे. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यह कानून हरियाणा के युवाओं को और मजबूत करेगा. जबकि विपक्ष का कहना है कि सरकार प्रदेश के युवाओं को नौकरी के नाम पर गुमराह कर रही है क्योंकि हरियाणा में नौकरी न सरकारी क्षेत्र में है ना निजी क्षेत्र मे हैं. सरकारी नौकरियों के बाद अब निजी क्षेत्रों में भी नौकरियों में आरक्षण दिया जा रहा है. हरियाणा सरकार ने इसकी शुरुआत कर दी है. अब राज्य में निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने इस आरक्षण के बिल पर अपनी सहमति दे दी है जिसके बाद सरकार ने इसकी गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है. हरियाणा स्टेट एंप्लॉयमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट्स बिल 2020′ के नाम से इस कानून को जाना जाएगा.
इस बिल के तहत राज्य में आने वाली निजी कंपनियां, सोसायटीज, ट्रस्ट्स, पार्टनरशिफ फर्म आएंगे. प्राइवेट नौकरियों में मूल निवासियों को 75 फीसदी आरक्षण देने वाला आंध्र प्रदेश के बाद हरियाणा दूसरा राज्य बन गया है. कानून के दायरे में आने वाली हर फर्म, फैक्ट्री या आउट सोर्सिंग कंपनी को अपने अधीन कार्यरत कर्मचारियों का विस्तारपूर्वक डाटा सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत करवाना अनिवार्य होगा. रोजगार कानून बनने पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि आरक्षण राज्य में चल रही उन कंपनियों, सोसायटी, ट्रस्ट, फर्म पर लागू होगा जिनमें 10 से ज्यादा कर्मचारी हैं. हरियाणा के डोमिसाइल धारक लोगों को इसका फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि विशेष योग्यता वाले कामों के लिए व्यापारी छूट ले सकते हैं. वहीं सभी कंपनियों को बताना होगा कि उनके यहां 50 हजार तक की तनख्वाह वाले कितने पद हैं.
भाजपा की गठबंधन सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने राज्य के युवाओं से चुनाव के दौरान यह वादा किया था. जजपा नेताओं की मानें तो इस कानून से स्थानीय लोगों की बेरोजगारी तो दूर होगी हरियाणा केे युवााओं को अपने ही प्रदेश में योग्यता के आधार पर रोजगार मिल सकेगा. लेकिन हरियाणा के उद्योगपति और व्यापारी सरकार के इस फैसले से ज्यादा खुश नजर नहीं आ रहे हैं. उनका मानना है कि उद्योगों को अक्सर कुशल कारीगरों और योग्य कर्मचारियों की जरूरत पड़ती है. हरियाणा में कुशल कारीगरों की भारी कमी है. सरकार ने कई प्रयास जरूर किए हैं लेकिन उसका बहुत ज्यादा लाभ नहीं हुआ है. हमारे सामने दूसरे राज्यों और दुनिया की कई कंपनियों से चुनौती पेश आ रही है. ऐसे में सरकार का यह कानून उद्योगों पर बुरा असर डालेगा.
उद्योगों को मिला ये अधिकार
हालांकि इस कानून में उद्योगों को यह अधिकार दिया गया है कि अगर किसी काम के लिए स्किल्ड और क्वॉलिफाइड लोग नहीं हैं, तो वो प्रशाशनिक अनुमति के साथ किसी भी कर्मचारी को रख सकते हैं.
आरक्षण कानून के प्रमुख बिंदुहरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट टू लोकल केंडिडेट्स एक्ट-2020’निजी क्षेत्र की हर कंपनी पर लागू होगा. ये कानून वर्तमान कर्मचारियों पर नहीं पड़ेगा. इसका प्रभाव नोटिफिकेशन के बाद ज्वॉइनिंग प्रक्रिया पर लागू होगा. कानून 50 हजार से कम सैलरी वाले पद पर ही लागू होगा. नियम के तहत आरक्षण के लाभ के लिए हरियाणा का डोमिसाइल होना जरूरी है. हरियाणा श्रम विभाग रखेगा हर कंपनी की निगरानी भी करेगा.
इस बिल के तहत राज्य में आने वाली निजी कंपनियां, सोसायटीज, ट्रस्ट्स, पार्टनरशिफ फर्म आएंगे. प्राइवेट नौकरियों में मूल निवासियों को 75 फीसदी आरक्षण देने वाला आंध्र प्रदेश के बाद हरियाणा दूसरा राज्य बन गया है. कानून के दायरे में आने वाली हर फर्म, फैक्ट्री या आउट सोर्सिंग कंपनी को अपने अधीन कार्यरत कर्मचारियों का विस्तारपूर्वक डाटा सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत करवाना अनिवार्य होगा. रोजगार कानून बनने पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि आरक्षण राज्य में चल रही उन कंपनियों, सोसायटी, ट्रस्ट, फर्म पर लागू होगा जिनमें 10 से ज्यादा कर्मचारी हैं. हरियाणा के डोमिसाइल धारक लोगों को इसका फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि विशेष योग्यता वाले कामों के लिए व्यापारी छूट ले सकते हैं. वहीं सभी कंपनियों को बताना होगा कि उनके यहां 50 हजार तक की तनख्वाह वाले कितने पद हैं.
भाजपा की गठबंधन सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने राज्य के युवाओं से चुनाव के दौरान यह वादा किया था. जजपा नेताओं की मानें तो इस कानून से स्थानीय लोगों की बेरोजगारी तो दूर होगी हरियाणा केे युवााओं को अपने ही प्रदेश में योग्यता के आधार पर रोजगार मिल सकेगा. लेकिन हरियाणा के उद्योगपति और व्यापारी सरकार के इस फैसले से ज्यादा खुश नजर नहीं आ रहे हैं. उनका मानना है कि उद्योगों को अक्सर कुशल कारीगरों और योग्य कर्मचारियों की जरूरत पड़ती है. हरियाणा में कुशल कारीगरों की भारी कमी है. सरकार ने कई प्रयास जरूर किए हैं लेकिन उसका बहुत ज्यादा लाभ नहीं हुआ है. हमारे सामने दूसरे राज्यों और दुनिया की कई कंपनियों से चुनौती पेश आ रही है. ऐसे में सरकार का यह कानून उद्योगों पर बुरा असर डालेगा.
उद्योगों को मिला ये अधिकार
हालांकि इस कानून में उद्योगों को यह अधिकार दिया गया है कि अगर किसी काम के लिए स्किल्ड और क्वॉलिफाइड लोग नहीं हैं, तो वो प्रशाशनिक अनुमति के साथ किसी भी कर्मचारी को रख सकते हैं.
आरक्षण कानून के प्रमुख बिंदुहरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट टू लोकल केंडिडेट्स एक्ट-2020’निजी क्षेत्र की हर कंपनी पर लागू होगा. ये कानून वर्तमान कर्मचारियों पर नहीं पड़ेगा. इसका प्रभाव नोटिफिकेशन के बाद ज्वॉइनिंग प्रक्रिया पर लागू होगा. कानून 50 हजार से कम सैलरी वाले पद पर ही लागू होगा. नियम के तहत आरक्षण के लाभ के लिए हरियाणा का डोमिसाइल होना जरूरी है. हरियाणा श्रम विभाग रखेगा हर कंपनी की निगरानी भी करेगा.