केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए तीनों कृषि अध्यादेशों के विरोध में धरने पर पिछले करीब 100 दिनों से बैठे किसान सरकार की बेरूखी के चलते अब मायूस होने लगे हैं और विरोध स्वरूप अपने खेतों में खड़ी गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं। सोमवार को हिसार बाईपास के निकट शहनाई पैलेस के सामने किसान सुंदर सिहाग ने अपने खेत में खड़ी गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर फसल को बर्बाद कर दिया। सुंदर सिहाग ने बताया कि सरकार ने तीनों काले कानून थोंप कर किसानों को बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि वो अपने परिवार के खाने के लिए गेहूं रखेंगे। सुंदर सिहाग ने खेत में खड़ी गेहूं की पूरी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। इस दौरान भारी संख्या में आसपास के किसान जमा हो गए और उन्होंने भी सरकार की किसान विरोधी नीतियों का डटकर विरोध किया तथा चेतावनी दी कि यदि सरकार ने किसानों की बात नहीं मानी तो वो भी अपनी गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर फसल को बर्बार कर देंगे। इस अवसर पर कृष्ण, बबलू, अशोक सिंधु आदि अनेक किसान मौजूद थे। बता दें कि इससे पहले भी हरियाणा में कई किसान अपनी फसल को ट्रैक्टर से नष्ट कर चुके हैं। जींद में ऐसा होने के बाद रोहतक, हिसार में भी ऐसा हुआ। किसानों का कहना है कि जिस फसल का भाव हम तय नहीं कर सकते सरकार के विरोध में उस फसल को नष्ट कर देंगे। हालांकि किसानों के इस तरीके को कोई विरोध कर रहा है तो कोई इसे सही बता रहा है। राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने इसे गलत बताया है उन्होंने कहा कि फसल नष्ट करने के वे पक्ष में नहीं है। किसान अपनी फसल बर्बाद करने की बजाय इसे पकने दे और फिर गरीबों को दान कर दे।