हरियाणा में अक्टूबर महीने के जाते-जाते ठंड बढ़ने लगी है. नवंबर महीने के शुरुआत में प्रदेश में और अधिक ठंड देखने को मिल सकती है क्योंकि शीत ऋतु (winter season) की तरफ कदम बढ़ रहे हैं. ठंड का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बुधवार को हिसार में दिन और रात्रि तापमान में सामान्य से चार-चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई. हिसार (Hisar) में अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तो न्यूनतम तापमान 12.9 डिग्री सेल्सियस रहा.
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ ने बताया कि हरियाणा राज्य में 31 अक्टूबर तक मौसम आमतौर पर खुश्क मगर परिवर्तनशील रहने की संभावना है. इस दौरान दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी व रात्री तापमान में हल्की गिरावट संभावित है.
हरियाणा में अक्टूबर महीने जहां कुछ नर्म कुछ गर्म रहा, तो वहीं नवंबर की शुरुआत में अच्छी ठंड देखने को मिल सकती है. मौसम विज्ञानियों ने इसका अंदेशा पहले से की जता दिया है. इसके साथ ही ठंड बढ़ने से फसलों का भी विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होगी। रबी के सीजन में कई फसलों को बोने का समय होता है.
प्रदेश की आबोहवा में प्रदूषण कम हुआ है. अक्टूबर माह की शुरुआत में ही प्रदूषण काफी बढ़ गया था. मगर अब वायु प्रदूषण कम होने से लोगों को कुछ राहत जरूर मिली है. हालांकि अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि प्रदेश की आबोहवा स्वच्छ है. इस पर्यावरणीय स्थिति में और पराली को लेकर सरकारी तंत्र द्वारा चल रही मानीटरिंग के बावजूद बुधवार को प्रदेश में 167 स्थानों पर फसल अवशेषों में आग की घटनाएं सामने आईं.
प्रदेश में सबसे अधिक करनाल और कुरुक्षेत्र में फसल अवशेषों में आग लगाई जा रही है. जीटी रोड बेल्ट के यह जिले पिछले कुछ दिनों से लगातार धधक रहे हैं. इसके साथ ही सात जिले ऐसे हैं जो ओरेंज जोन में हैं. सरकार किसानों से पराली न जलाने की अपील कर रही है.