एक साल से अधिक समय से चल रहा किसान आंदोलन (आज) गुरुवार) खत्म हो सकता है। केंद्र सरकार के संशोधित प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा के सभी संगठनों ने बुधवार को सहमति जता दी है। अभी सिंघु बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक जारी है और किसान आंदोलन की समाप्ति का ऐलान जल्द किया जा सकता है। इस बीच खबर है कि सिंघु बॉर्डर पर एक साल से डटे किसानों ने भी अपने टेंट हटाना शुरू कर दिया है। साथ ही भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की ओर से जो चिट्ठी मिली है उसे पहले हम सही से पढे़ंगे। उसका अर्थ क्या है वो समझ कर हमारे 5 लोग हैं वो आपको जवाब देंगे। अगर हेरा फेरी होगी तो फिर हम यहीं हैं, कोई कहीं नहीं जाएगा।
कुछ बिंदुओं पर थी आपत्ति
कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक से पहले पांच सदस्यीय कमेटी ने दिल्ली में बैठक की। इसके बाद कमेटी के सदस्यों ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि प्रस्ताव के कुछ बिंदुओं पर मोर्चा को आपत्ति थी। जिसे इंगित करते हुए प्रस्ताव सरकार को वापस भिजवा दिया गया। बुधवार सुबह सरकार ने संशोधित प्रस्ताव भेजा। इस पर पांच सदस्यीय कमेटी ने पहले चर्चा की और फिर इसे संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में रखा गया।
संयुक्त किसान मोर्चा के सभी संगठन सहमत
बैठक में कहा गया कि हमारी आपत्ति को लेकर सरकार आगे बढ़ी है। कमेटी के सदस्य गुरनाम सिह चढ़ूनी ने कहा कि फिलहाल वह सरकार के संशोधित प्रस्ताव को सार्वजनिक नहीं कर सकते, लेकिन इस पर संयुक्त किसान मोर्चा के सभी संगठनों की सहमति है। अब इस प्रस्ताव को आधिकारिक पत्र में बदलना है। यह प्रस्ताव सरकार की ओर से आधिकारिक पत्र के रूप में मिलना चाहिए। पत्रकारवार्ता के दौरान पांच सदस्यीय कमेटी के सदस्य अशोक धवले, युद्धवीर सिह, शिवकुमार कक्का आदि भी मौजूद थे।
अब नहीं कोई विवादित मुद्दे
युद्धवीर सिह ने कहा कि अब हमारे बीच कोई विवादित मुद्दे नहीं रह गए हैं, लेकिन आधिकारिक पत्र के बगैर कोई घोषणा नहीं की जा सकती। उम्मीद है गुरुवार को यह पत्र मिल जाएगा। जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की होने वाली बैठक में इसे रखा जाएगा। इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल आंदोलन को स्थगित नहीं किया है।