दिल्ली की सीमाओं पर महीनों से डटे आंदोलनकारी किसान गुरुवार को अपने प्रदर्शन को और धार देंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेतृत्व में किसानों का एक जत्था जंतर मंतर की ओर मार्च करेगा। यहां पर उन्हें प्रदर्शन की इजाजत दी गई है। जंतर मंतर पर ‘किसान संसद’ लगेगी जिसमें आज भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी शामिल होंगे। सिंघु बॉर्डर से 200 किसानों का जत्था बसों के जरिए जंतर मंतर पहुंच रहा है। सुबह 11 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक प्रदर्शन चलेगा। दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर पर सुरक्षा बढ़ा दी है। इसके अलावा टीकरी बॉर्डर पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। किसान नेता राकेश टिकैत सिंघु बॉर्डर के लिए रवाना हो चुके हैं। उनके साथ 8 प्रदर्शनकारी किसान और हैं। रवानगी से पहले टिकैत ने कहा कि ‘हम जंतर मंतर पर किसान संसद लगाएंगे। हम संसद की कार्यवाही भी देखेंगे।’
जंतर-मंतर कूच करते हुए क्या बोले राकेश टिकैत
सरकार ज्यादा सख्त है। जनता को इतनी ताकत भी किसी को नहीं देनी चाहिए। एक कहावत है गांव में- जो झोटा होता हैं ना भैंसा जब ज्यादा ताकत आ जा तो जिस खोर में खाना खा उसे ही ढा दे सबसे पहले। तो सरकार की जिसने वोट दिया, वह सबसे पहले उसे ही ढहा रही है।

किसानों को सिंघु बॉर्डर से ही जाने की इजाजत
किसानों के प्रदर्शन को ध्यान में रखकर टीकरी बॉर्डर पर प्रतिबंध की व्यवस्था की गई। सिर्फ सिंघु बॉर्डर से आने जाने की अनुमति है। टिकरी बॉर्डर से किसानों के प्रदर्शन से संबंधित आवाजाही की अनुमति नहीं है। बाकी अन्य तरह की आवाजाही पर रोक नहीं है।

‘यूपी मिशन’ की तैयारी में हैं आंदोलनकारी किसान
आंदोलनकारी किसानों का अगला पड़ाव उत्तर प्रदेश होगा। अगले साल यूपी में चुनाव है, उससे पहले बीजेपी को आइसोलेट करने की कोशिश होगी। सिंघु बॉर्डर पर मौजूद एक किसान नेता प्रेम सिंह भांगू ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, “हमारा यूपी मिशन 5 सितंबर से शुरू होगा। हम बीजेपी को पूरी तरह आइसोलेट करेंगे। तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है। हम बातचीत के लिए तैयार हैं।”