भारत में जितनी इलेक्ट्रिक कारें नहीं हैं, उससे कई गुणा ज्यादा पड़ोसी देश चीन में तो चार्जिंग पॉइंट्स हैं और इसी वजह से इस देश में अब पेट्रोल और डीजल या सीएनजी से चलने वालीं कारों से ज्यादा तो इलेक्ट्रिक कारें बिक रही हैं। जी हां, आपने सही सुना। चीनी ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन की पैसेंजर कार बाजार सूचना संयुक्त शाखा द्वारा जारी लेटेस्ट आंकड़ों से पता चला है कि जुलाई में नए ऊर्जा यात्री वाहनों, यानी इलेक्ट्रिक कारों की घरेलू खुदरा प्रवेश दर 51.1 फीसदी तक पहुंच गई है।
चीन में बीते महीने पारंपरिक ईंधन यात्री कारों, यानी आईसी इंजन कारों की खुदरा बिक्री 8 लाख 40 हजार यूनिट्स और नए ऊर्जा यात्री कारों की खुदरा बिक्री 8 लाख 78 हजार यूनिट थीं, जो कि चीन को प्रदूषणमुक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक सफलता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि जहां दुनिया के बाकी देश ईवी को अपनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं चीन में अब ज्यादातर लोग इलेक्ट्रिक कारें खरीद रहे हैं।