बारहवीं के रिजल्ट आने के बाद अपने भविष्य को लेकर विद्यार्थी अक्सर चिंतित नजर आते हैं। कुछ डॉक्टर, इंजीनियर, बैंकर बनना चाहते हैं तो वहीं कुछ लोग होटल मैनेजमेंट कोर्स भी करना चाहते हैं। अगर आप इस कोर्स को करना चाहते हैं तो यह पूरा लेख पढ़िए। जिससे आपको काफी हद तक मदद मिल पाएगी। होटल मैनेजमेंट के कोर्स के अनुसार अलग – अलग एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया होता है। होटल मैनेजमेंट के लिए कई तरह के सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स, अंडर ग्रैजुएट कोर्स और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स होते हैं। यहां तक होटल मैनेजमेंट में पीएचडी भी की जाती है। होटल मैनेजमेंट में बैचलर डिग्री करने के लिए स्टूडेंट कम से कम 50% से 10+2 पास होना चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि कुछ ऐसे भी संस्थान हैं, जो 45% पर दाखिला देते हैं। होटल मैनेजमेंट कोर्स की अवधि स्टूडेंट के चयन के अनुसार होती है। आमतौर पर होटल मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स की अवधि 6 महीने से लेकर 1 साल के बीच होती है। वहीं, ग्रेजुएशन लेवल के कोर्स 3 से 4 साल में पूरे होते हैं। कोर्स की अवधि इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप किस इंस्टीट्यूट से पढ़ रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट 1 साल, बीबीए इन होटल मैनेजमेंट 3 से 4 साल और बीए इन इंटरनेशनल होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट 3 से 4 साल में होते हैं। होटल मैनेजमेंट की फीस इंस्टीट्यूट पर निर्भर करती है। हर संस्थान अपने हिसाब से इस कोर्स के लिए फीस तय करते हैं। हालांकि सर्टिफिकेट कोर्स की फीस 8 हजार रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक की होती है और वहीं डिप्लोमा कोर्स की फीस 10 से 20 हजार रुपए में होती है। अगर आप किसी विषय पर स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं तो उसकी फीस और अधिक होती है।
ऐसे पूरा कर पाएंगे होटल मैनेजमेंट का सपना
Parmod Kumar