IND vs BAN: बेंगलुरु टेस्ट का पहला दिन भले ही बारिश के चलते धुल गया हो, लेकिन दूसरे दिन मैच शुरू होने के बाद भारत को उसके घर पर न्यूनतम 46 रन पर समेटते हुए न्यूजीलैंड ने अपनी पहली पारी में 402 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया ।
बेंगलुरु: न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में भारत की हालत पस्त है। मैच के तीसरे दिन टी-सेशन तक टीम इंडिया ने बिना किसी नुकसान के 57 रन बना लिए थे। इस तरह कप्तान रोहित शर्मा की टीम अब भी न्यूजीलैंड से उसकी पहली पारी के स्कोर 402 रन के आधार पर 299 रन पीछे है। मैच में भारत की हालत बेहद नाजुक है। उस पर पारी से हार का खतरा भी मंडरा रहा है।
अब भारत की रणनीति क्या होगी?
भारतीय टीम को दूसरी पारी में पहले तो न्यूजीलैंड की लीड उतारनी होगी और फिर कम से कम कीवियों को 250 रन का लक्ष्य देना होगा। यानी टीम इंडिया को दूसरी पारी में 550 के आसपास का स्कोर बनाना होगा, लेकिन हालत और समय दोनों विपरित है। पहली पारी में सिर्फ 46 रन पर ऑलआउट होने वाले बल्लेबाजों से इतनी उम्मीद करना ज्यादती भी हो सकती है! वैसे सिर्फ दो दिन में इतना सबकुछ करके न्यूजीलैंड को ऑलआउट भी करना होगा। बल्लेबाजों के साथ-साथ गेंदबाजों की भी परीक्षा होगी। बेंगलुरु टेस्ट में क्या होगा, ये समझने के लिए हमें गौतम गंभीर का वो बयान सुनना चाहिए, जो उन्होंने मैच की शुरुआत से पहले दिया था।
गौतम गंभीर के बयान की चर्चा
दरअसल, गौतम गंभीर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज की शुरुआत से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था, जिसमें भारतीय कोच ने कहा था कि वो एक ऐसी टीम बनाना चाहते हैं, जो एक दिन में 400 रन बना सके और टेस्ट मैच ड्रॉ कराने के लिए दो दिन तक बल्लेबाजी कर सके। बकौल गंभीर, ‘इसे आप ग्रोथ कहते हो, इसे आप टेस्ट क्रिकेट कहते हो। जब आप एक ही तरीके से खेलते हो तो वो ग्रोथ नहीं है। अगर हम कभी ऐसे हालातों में हो कि हमें ड्रॉ करने के लिए दो दिन खेलना पड़े तो हमारे पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो दो दिन बैटिंग कर सकते हैं। तो पहला लक्ष्य मैच जीतना होता है और उसके बाद दूसरा या अंतिम विकल्प होता है मैच बचाना।’
क्या ड्रॉ के लिए खेलेगा भारत?
यानी गौतम गंभीर जीतने की बजाय टेस्ट मैच बचाना चाहेगी। भारतीय बल्लेबाजों के एटिट्यूड से भी यही बात झलक रही है। रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल पारी की शुरुआत पर संभलकर खेलते नजर आए थे। बिना किसी रिस्क के शॉट मेकिंग कर रहे थे। भारत तीसरे दिन का अंत बिना कोई विकेट खोकर करना चाहेगा ताकि चौथे दिन बढ़े मनोबल के साथ मैदान पर उतरे और मैच को धीरे-धीरे ड्रॉ की तरह ले जाए।