भारत को मिला EU का साथ, समुद्र के नीचे बिछीं केबल्स की सुरक्षा होगी कड़ी, समझें किस काम के हैं ये मोटे तार?

parmodkumar

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भारत और यूरोपीय संघ (EU) हिंद महासागर में बिछी पानी के नीचे की इंटरनेट केबलों को सुरक्षित बनाने के लिए साथ काम करने की तैयारी कर रहे हैं। ये केबल दुनिया भर के इंटरनेट का 99 प्रतिशत ट्रैफिक ले जाती हैं। ये महाद्वीपों को जोड़ती हैं, देशों को जोड़ती हैं और भारत व यूरोप को बाकी दुनिया से जुड़ने का रास्ता देती हैं। अब इनकी सुरक्षा बहुत जरूरी हो गई है क्योंकि ये खराब हो जाएं तो पूरी दुनिया का इंटरनेट रुक सकता है। चलिए, समझते हैं कि ये इंटरनेट केबल्स किस काम आती हैं और इनकी सुरक्षा को पुख्ता करना क्यों जरूरी है?

ईटी टेलीकॉम की रिपोर्ट (Ref.) बताती है कि 27 जनवरी को दिल्ली में भारत-ईयू का सालाना शिखर सम्मेलन होने वाला है। उससे पहले इस हफ्ते भारत, ईयू और हिंद महासागर के कई देशों के करीब 70 बड़े अधिकारी और सेना के लोग एक बड़ी मीटिंग करेंगे। इस मीटिंग में सिर्फ पानी के नीचे बिछी केबलों की सुरक्षा पर बात होगी। दोनों पक्ष चाहते हैं कि हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा को और मजबूत किया जाए और इसके लिए मिलकर काम किया जाए।

दरअसल, समुद्री केबल (Submarine Cables) समुद्र के नीचे बिछी होती हैं और इनसे दुनिया भर का लगभग सारा इंटरनेट चलता है। आपका फेसबुक, व्हाट्सऐप, यूट्यूब, गूगल, नेटफ्लिक्स, लगभग सब कुछ इन्हीं केबलों से होकर जाता है। सैटेलाइट से सिर्फ 1% से भी कम इंटरनेट ट्रैफिक जाता है, बाकी 99% इन्हीं पानी के नीचे बिछी केबलों से। भारत से यूरोप, अमेरिका, सिंगापुर, मध्य पूर्व जाने वाली सारी बड़ी केबल हिंद महासागर से ही गुजरती हैं।

ये मीटिंग क्यों खास है?

ईयू ने बताया कि इस मीटिंग का मकसद भारत, ईयू और पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है। केबल को कहां-कहां खतरा हैं, इसकी मैपिंग होगी। ये देशों को डिजिटल दुनिया से जोड़ती हैं। भारत में 5G नेटवर्क का काम लगभग पूरा हो चुका है और अब आने वाला समय AI का है, जिसमें डाटा की जरूरत और भी बढ़ जाएगी। लिहाजा इन केबल्स की जरूरत भी बढ़ेगी, इसलिए इनकी सुरक्षा पर फोकस करना जरूरी है।

केबल को खतरा किससे है?

पानी के नीचे की ये केबल समुद्र तल पर खुली पड़ी रहती हैं। कोई भी इन तक आसानी से पहुंच सकता है और इन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। निगरानी करना भी मुश्किल है। अगर कोई जानबूझकर इन्हें काट दे या खराब कर दे तो दुनिया भर में बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए अब सभी देश मिलकर इनकी सुरक्षा के उपाय सोच रहे हैं। ईयू ने केबल सुरक्षा के लिए एक एक्शन प्लान भी बनाया है। इसे भारत जैसे बड़े पार्टनर के साथ मिलकर और मजबूत किया जा सकता है।

केबल्स से होती रहती है छेड़छाड़

बता दें कि कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जब लाल सागर में हूती विद्रोहियों ने इंटरनेट केबल्स को काट दिया है या छेड़छाड़ की है। कुछ महीनों पहले ही भारत और पाकिस्तान की इंटरनेट केबल्स से छेड़छाड़ हुई थी, जिससे इंटरनेट प्रभावित हुआ था। ऐसे में इनकी सुरक्षा बहुत मायने रखती है।