कुरुक्षेत्र: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश के कोने-कोने से यादगार लम्हों को आत्मसात करने के लिए लाखों तीर्थ यात्री ब्रहमसरोवर पर पहुंचे। इस महोत्सव में तीर्थ यात्रियों ने उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र के शिल्प मेले और डीआरडीए के सरस मेले में जमकर खरीदारी की है। इतना ही नहीं तीर्थ यात्रियों ने ताऊ बलजीत की गोहाना जलेबी, राजस्थान का चुरमा तथा अन्य पकवानों का बड़े चाव से स्वाद भी चखा।
अहम पहलू यह है कि इन यात्रियों ने ब्रह्मसरोवर के घाटों पर हरियाणा कला परिषद की तरफ से चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाया तथा जनसंपर्क विभाग की राज्यस्तरीय प्रदर्शनी, ओडिशा व हरियाणा पैवेलियन, तंजानिया व उब्जेकिस्तान जैसे देशों की संस्कृति से रूबरू होने का अवसर भी मिला। इस शिल्प और सरस मेले में एनजेडसीसी की तरफ से आमंत्रित 200 शिल्पकारों, डीआरडीए की तरफ से सरस मेले में 19 राज्यों, हरियाणा के सभी जिलों से भी सेल्फ हेल्प ग्रुप और शिल्पकारों की शिल्पकला को पर्यटकों ने निहारा और जमकर खरीदारी भी की।
दर्शकों की भीड़ देखकर कलाकारों के चेहरों पर छाई मुस्कान
इस महोत्सव में तीर्थ यात्रियों की लाखों की भीड़ देखकर शिल्पकारों के साथ-साथ कलाकारों के चेहरों पर मुस्कान सहजता से देखी जा सकती थी। उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश के कोने-कोने से आने वाले तीर्थ यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए।
इसके साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए पुलिस बल लगा रहा। इस महोत्सव में गत शनिवार व रविवार को लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचे है। इस महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 11 दिसंबर और सरस व शिल्प मेला 15 दिसंबर तक जारी रहेगा।