हरियाणा के 85% पैरेंट्स सितंबर से स्कूल खोले जाने के पक्ष में

BHAWANA GABA

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कोरोना वायरस महामारी (Corona virus) के बीच सबसे बड़ा सवाल स्कूल-कॉलेज खोले जाने को लेकर है। कुछ लोग स्कूल खोले जाने के पक्ष में हैं तो कई इसके विरोध में। इस बीच एक सर्वेक्षण में चौंकाने वाला परिणाम सामने आया है। दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा के शिक्षा विभाग द्वारा यह सर्वे कराया गया है। हरियाणा शिक्षा विभाग के इस सर्वे में पाया गया है कि राज्य के कक्षा 10वीं व 12वीं के करीब 85 फीसदी स्टूडेंट्स के पैरेंट्स सितंबर 2020 से ही स्कूल खोले जाने के पक्ष में हैं। कोरोना महामारी के खतरों के बावजूद ये पैरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं।
कैसे किया गया सर्वे
राज्य स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा यह सर्वे ऑनलाइन मोड पर कराया गया। इसमें प्रदेश के विभिन्न सरकारी स्कूलों के कक्षा 10वीं व 12वीं के कुल 76,019 स्टूडेंट्स के पैरेंट्स शामिल हुए। इसमें राज्य के सभी 22 जिलों से कुछ-कुछ स्कूलों को शामिल किया गया।
पैरेंट्स से क्या सवाल पूछे गए
शिक्षा विभाग द्वारा सभी पैरेंट्स से ये चार सवाल पूछे गए –
1. क्या सितंबर 2020 से स्कूल खोले जाने चाहिए?
2. क्या अभिभावक अपने बच्चों को सितंबर 2020 से स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं?
3. क्या आपके परिवार के किसी भी सदस्य ने कोविड टेस्ट कराया है?
4. क्या आपके परिवार का कोई भी सदस्य कोविड पॉजिटिव पाया गया है?
…तो अब कैसे खोले जाएंगे स्कूल?
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ’10वीं-12वीं के ज्यादातर स्टूडेंट्स के पैरेंट्स स्कूल खोले जाने के पक्ष में हैं। इसलिए विभाग ने पहले अलग-अलग जिलों में दो स्कूल खोलकर ट्रायल रन चलाने का फैसला किया है। करनाल का गवर्नमेंट सीनियर सेकंडरी स्कूल और सोनीपत का गवर्नमेंट हाई स्कूल चार दिनों के लिए खोला जाएगा। तारीखें जल्द बताई जाएंगी।’इन चार दिनों में स्कूल की हर हलचल को कैमरों में रिकॉर्ड किया जाएगा। स्टूडेंट्स किस तरह स्कूल आते हैं, कैसे प्रवेश करते हैं कैसे क्लासेस अटेंड करते हैं, एक दूसरे को छूते हैं या नहीं, स्कूल से बाहर किस तरह निकलते हैं.. ये सभी चीजें रिकॉर्ड होंगी। क्लासरूम की जगह छोटे-छोटे ग्रुप्स में क्लास होगी। ट्रायल के बाद स्वास्थ्य एवं स्वच्छता विशेषज्ञों समेत शिक्षा विभाग के कुल सात सदस्यों की टीम इन वीडियो रिकॉर्डिंग्स को देखेगी कि सभी नियमों का पालन हो रहा है या नहीं। अगर कहीं कमी दिखती है, तो अगले ही दिन शिक्षकों को उसे दूर करने के लिए कहा जाएगा। स्कूल खुलने से पहले यह रिकॉर्डिंग्स हर शिक्षक को दिखाई जाएगी। शिक्षा विभाग 21 सितंबर से 10वीं व 12वीं के लिए स्कूल खोलने की तैयारी में है। स्टूडेंट्स को इसके लिए अपने अभिभावकों की लिखित स्वीकृति जमा करानी होगी। स्कूली शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया है कि ‘स्कूल प्रबंधन समिति कक्षा 9वीं से 12वीं तक के सभी स्टूडेंट्स के पैरेंट्स से एक सर्वे कराएगी। अगर 60 फीसदी या अधिक पैरेंट्स स्कूल खोले जाने के पक्ष में हैं, तो इसे स्कूल के रजिस्टर में रिकॉर्ड किया जाएगा। हालांकि ये सभी चीजें अभी प्लानिंग के स्टेज में हैं।’

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