ऐक्ट्रेस जूही चावला ने देश में 5जी नेटवर्क लागू करने से संबंधित आदेश में संशोधन करने की मांग करते हुए इसी साल मई महीने में दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसे अब ऐक्ट्रेस ने वापस ले लिया है। जूही चावला पिछले काफी वक्त से 5जी नेटवर्क लागू करने के विरोध में खड़ी थीं और अपना पक्ष रखती आ रही थीं। गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट में जूही चावला की इसी याचिका पर सुनवाई थी।
ऐक्ट्रेस चाहती थीं कि मुकदमे में ‘खारिज’ शब्द को बदलकर ‘अस्वीकार्य’ कर दिया जाए। कोर्ट में जूही चावला के वकील दीपक खोसला की तरफ से जारी बयान के बाद जस्टिस जयंत नाथ ने याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी।
याचिका में कही थी यह बात
दायर की गई याचिका में कहा गया था कि 5जी वायरलेस तकनीली योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी इकोसिस्टम को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है। अगर दूरसंचार उद्योग की 5जी संबंधी योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रतिकूल प्रभाव से नहीं बच सकेगा।
जूही चावला पर लगाया 20 लाख का जुर्माना
जूही चावला ने इस मामले में 31 मई को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और उन्होंने 5जी रेडिएशन से इंसानों से लेकर जानवरों और पेड़-पौधों-जीवों पर पड़ने वाले प्रभाव का मुद्दा उठाया था। लेकिन कोर्ट ने जूही चावला के उस मुकदमे को खारिज कर कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए उन पर 20 लाख का जुर्माना लगा दिया था। कोर्ट ने जूही चावला के मुकदमे को ‘दोषपूर्ण’ करार देते हुए कहा कि वह ‘मीडिया प्रचार’ के लिए दायर किया गया था।