हरियाणा में सात साल में सबसे सूखा रहा जुलाई, 42 फीसदी कम बारिश का असर तापमान से लेकर फसलों पर !

parmod kumar

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बारिश का पर्याप्त पानी नहीं होने से फसल पर पीलेपन का खतरा मंडराने लगा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि एक हफ्ते में बारिश नहीं हुई तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। उधर, मौसम विभाग ने बुधवार और वीरवार को पूरे हरियाणा में मध्यम बारिश होने की संभावना जताई है। अगले दो दिन के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

आमतौर में जुलाई में अच्छी बारिश होती है मगर इस सीजन मानसून की निष्क्रियता की वजह से जुलाई में सूखे की स्थिति बन गई। पिछले सालों के जुलाई महीने में अच्छी बारिश होती रही है। हरियाणा में अब तक मानसून सीजन में 116 एममए बारिश हुई है, जो सामान्य से करीब 42 फीसदी कम है।

 

मौसम विभाग के मुताबिक हरियाणा के सिर्फ दो जिलों को छोड़ बाकी जिलों में सूखे की स्थिति बन रही है। सबसे कम बारिश रोहतक और करनाल में दर्ज की गई है। रोहतक व करनाल में सामान्य से 70 फीसदी,अंबाला में 58 फीसदी, भिवानी में 48 फीसदी, कैथल में 51 फीसदी, पंचकूला में 46 फीसदी, सोनीपत में 55 फीसदी और यमुनानगर में 40 फीसदी कम बारिश कम दर्ज की गई। सिर्फ महेंद्रगढ़ (32)और फतेहाबाद (16) में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

बारिश नहीं होने से धान के साथ ही ज्वार, कपास तक का रकबा कम हो गया है। इस बार सोनीपत में धान का रकबा पांच हजार एकड़ घट गया है। 2023 में जुलाई के अंत तक 2.25 लाख एकड़ में धान की बिजाई व रोपाई हो चुकी थी।