करनाल जिले के गांव कमालपुरा निवासी 5 वर्षीय जश हत्या मामले में पुलिस की कार्रवाई से परिजन संतुष्ट नहीं है। बार-बार CBI से जांच की मांग जोर पकड़ रही है। एक के बाद एक तर्क परिवार की तरफ से दिए जा रहे हैं। परिजन बोले- पुलिस के पास आज भी हत्या के कारण नहीं हैं। जांच में भी भेदभाव हुआ है। अंजलि की गिरफ्तारी के बाद बरामदगी व अन्य गतिविधि की वीडियोग्राफी करवाई गई। गांव में जांच पर अंजलि को लाते समय ग्रामीणों को भी गवाह के तौर पर साथ रखा। आरोप लगाया कि जब राजेश के परिवार को जांच के लिए लाए, उस समय न तो वीडियोग्राफी हुई और न ही ग्रामीणों को गवाह के तौर पर शामिल किया। इतना ही नहीं एक परिवार को चलाने वाली को मनोरोगी घोषित करने की योजना चल रही है। इस विषय में जल्द ही परिवार और गांव आगे का निर्णय लेंगे। जश के चाचा अमन ने बताया कि जब एसपी साहब से मिलने गए थे तो 10 दिन का समय दिया था। दो दिन में ही सारा खुलासा कर दिया। राजेश के घर वालों का 5 दिन बाद भी खुलासा नहीं कर सके। अंजलि से एक रात में सारा कुछ तय करके बरामद भी करवा लिया। उसके घर से जो भी उठाया, उसमें सरपंच को बुलाया गया। गांव वाले को साथ लिया। वीडिया बनाई, पर इससे पहले जो राजेश के घर से मिला, उसके बारे में किसी को काई जानकारी क्यों नहीं दी। इसका मतलब क्या है, हम पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं है। सरकार से गुहार है कि CBI जांच होनी चाहिए। सरपंच ने बताया कि चलो हम पुलिस की बात पर यकीन कर लेते हैं कि अंजलि ने जश को मारा है, पर अंजली अकेली ऐसा नहीं कर सकती। जब पुलिस ने अंजलि से मर्डर के सीन को दोबारा क्रिएट करवाया तो उस समय अंजलि बार-बार बंती का नाम ले रही थी। बंती उसके साथ यहां पर आई। बंती ने जश की बहन को वापस भेजा। अंजलि व बंती उसी समय एक-दूसरे के घर आ जा रहे हैं। इन बातों की समझ नहीं आई। पुलिस ने शव को दूसरे की छत पर फेंकने तक ही बंती को सीमित रखा। इस बारे में अपने एडवाेकेट से बात करेंगे। 5 अप्रैल की दोपहर में मां से पैसे लेकर खाने की चीज खरीदने निकला जश अचानक लापता हो गया था। बच्चे के लापता होने के बाद सबसे पहले एक बाबा पर शक जताया गया। गांव में घूम रहे इस बाबा का थैला काफी बड़ा था। सीसीटीवी फुटेज में थैले का फुलाव और बाबा की तेज चाल देखकर सबको उसी पर शक हुआ। इंद्री पुलिस उसी शाम को बाबा को हिरासत में लेकर थाने ले गई और पूछताछ की। दूसरी तरफ बाबा से जश का सुराग नहीं लगने पर परिवार ने करनाल में नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया था। 5 साल के बच्चे के लापता होने से जुड़े मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस के आला अधिकारी एक्टिव हो गए। डीएसपी विजय देशवाल ने जाम लगा रहे लोगों को समझा-बुझाकर रास्ता खुलवाया और ग्रामीणों को पुलिस की मदद करने के लिए राजी किया। रात में ही पुलिस ने कलामपुरा गांव की नाकाबंदी करके हर घर की तलाशी लेने का अभियान शुरू किया। कई घंटे के सर्च अभियान के बाद जब 8-10 घर बच गए तो पुलिस ने तय किया कि उनकी तलाशी अगले दिन सुबह ली जाएगी। अगले दिन यानि 6 अप्रैल की सुबह साढ़े 5 बजे जब गांव में ही रहने वाली कौशल्या अपने पशुओं को चारा डाल रही थी तो उसे अपने पशुओं वाले बाड़े की छत पर कुछ गिरने की आवाज सुनाई दी। कौशल्या के घर के साथ जश के ताऊ राजेश का मकान लगता है। जब उसने इस बारे में राजेश की मां और पत्नी से पूछा तो दोनों ने बताया कि छत पर जश पड़ा है। एएसपी हिमांद्री कौशिक फॉरेंसिंक और अन्य टीमों के साथ मौके पर पहुंची। जश की बॉडी पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंप दी गई थी। जांच आगे बढ़ी और 9 अप्रैल को जश की चाची अंजलि हत्या के आरोप में गिरफ्तार की गई, जिसे कोर्ट से पहले 3 दिन और इसके बाद 2 दिन का पुलिस रिमांड लिया गया। रिमांड के दौरान अंजलि ने हत्या करने की वारदात को कबूल किया और हत्या के पीछे मंशा व कारणों को हवाला नहीं दिया। बताया कि जश उसके बैड पर खेल रहा था। इस दौरान CID में हत्या का सीन देखकर जश का मोबाइल चार्जर की तार से गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को बैड में छिपाया और बाद में चुपके से बैग में डालकर राजेश की छत पर रख आई। 5 दिन के रिमांड पर पुलिस के सामने हत्या के कोई कारण सामने नहीं आए। सामने अंजलि को मानसिक रूप से बीमार होना पाया गया।